UP Deoria News: जिले में संस्कृत महाविद्यालयों का हाल, रोजाना कागजों पर ही चल रहे संस्कृत महाविद्यालय
The condition of Sanskrit colleges in the district, Sanskrit colleges are running only on paper
UP Deoria News: एक तरफ सरकार यह शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों पर खर्च कर रही है। जिम्मेदार अधिकारी सरकार के मनसा पर पानी फिरते नजर आ रहे हैं। देवरिया जनपद में अधिकारियों और अध्यापक के मिली भगत से संस्कृत महाविद्यालयों का बुरा हाल हैं। यहां सभी संस्कृत महाविद्यालय कागजों में ही संचालित होते हैं। यह एक नजर देवरिया के संस्कृत विद्यालय का है, जो देखकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे।
मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर पर स्थित यह श्री कृष्णा संस्कृत पाठशाला लक्ष्मीपुर जो पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय का बताया जाता है और यह कागजों में संचालित है। अध्यापक इस विद्यालय के नाम पर वेतन भी पाते हैं। अधिकारी वेतन भी पाते हैं और छात्रों का नामांकन भी प्रतिवर्ष होता हैं। यह खंडहर महाविद्यालय की बिल्डिंग जर्जर हो चूकी हैं। इस छत के निचे बैठ शिक्षा कार्य करना भी मौत को दावत देना हैं। अध्यापक खुले आसमान के नीचे बैठकर करते हैं। शिक्षण कार्य इस महाविद्याल में कुल आधा दर्जन छात्रों का ही है। नामांकन फार्म भरने और परीक्षा देने आते है छात्र शास्त्री (BA) तक मान्यता प्राप्त है महाविद्यालय का झोले में चलता है। य़ह संस्कृत महाविद्यालय श्री कृष्ण संस्कृत पाठशाला लक्ष्मीपुर तरकुलवा का मामला है।