Gangotri Dham doors closed: देहरादून (उत्तराखंड): शीतकाल की शुरुआत के साथ ही उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध चारधाम में से एक गंगोत्री धाम के कपाट आज श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे। विधि-विधान के साथ यह बंद होने की प्रक्रिया दोपहर 12:14 बजे संपन्न होगी। इसके बाद मां गंगा की उत्सव मूर्ति को डोली यात्रा के साथ उनके मायके मुखबा ले जाया जाएगा, जहां शीतकाल में भक्तगण दर्शन करेंगे।
चारधाम यात्रा में रहा जबरदस्त उत्साह
गौरतलब है कि इस साल चारधाम यात्रा की शुरुआत 10 मई से हुई थी, जिसमें गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धामों के कपाट एक साथ खोले गए थे। चारधाम यात्रा के इस मौसम में तीर्थयात्रियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई। 1 अक्टूबर तक, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में कुल 15,21,752 तीर्थयात्रियों का आगमन हुआ। गंगोत्री धाम में 8,11,542 तीर्थयात्री पहुंचे, जबकि यमुनोत्री में 7,10,210 भक्तों ने मां यमुना के दर्शन किए। इसके अलावा, बीते दिन भी 1,510 श्रद्धालु यमुनोत्री धाम पहुंचे और गंगोत्री धाम में 1,726 श्रद्धालुजन दर्शन के लिए आए।
मां गंगा विराजेंगी मुखबा में
गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद, मां गंगा की उत्सव मूर्ति को गंगोत्री मंदिर समिति के पदाधिकारियों और श्रद्धालुओं के साथ मुखबा गांव लाया जाएगा। मुखबा, जिसे मां गंगा का मायका माना जाता है, में अगले छह महीने तक मां गंगा की पूजा अर्चना की जाएगी। यह परंपरा उत्तराखंड में सदियों से चली आ रही है, जिसमें गंगा की शीतकालीन पूजा का विशेष महत्व है। मुखबा में मां गंगा का आशीर्वाद लेने के लिए हर साल दूर-दूर से भक्तों का आगमन होता है।
चारधाम यात्रा का अंतिम चरण
उत्तराखंड की पावन चारधाम यात्रा अब अपने अंतिम चरण में है। गंगोत्री के बाद 3 नवंबर को यमुनोत्री धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। भैया दूज के अवसर पर सुबह 8:30 बजे केदारनाथ धाम के कपाट भी बंद होंगे। बाबा केदार की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होकर अगले छह महीने तक श्रद्धालुओं को दर्शन देगी। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद किए जाएंगे। द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 20 नवंबर को बंद होंगे। यमुनोत्री में मां यमुना की मूर्ति को खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर में विराजमान किया जाएगा, जहां से भक्त शीतकाल में मां के दर्शन कर सकेंगे।
चारधाम यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह
चारधाम यात्रा को लेकर इस वर्ष श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिला है। यात्रा के अंतिम चरण में भी श्रद्धालु बड़ी तादाद में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। शीतकालीन कपाट बंद होने के बाद, श्रद्धालु अब अगले वर्ष कपाट खुलने का बेसब्री से इंतजार करेंगे। श्रद्धालु इन चारधामों के प्रति अपनी अपार आस्था दिखाते हैं, और यही आस्था इस क्षेत्र के पर्यटन और संस्कृति में निरंतर वृद्धि का कारण है।