Rudranath Temple Opening: चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले, मंदिर परिसर में गूंजे भोलेनाथ के जयकारे
उत्तराखंड के चमोली जिले में चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट ब्रह्म मुहूर्त में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाटोद्घाटन के मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे और जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। अब छह महीने तक भगवान शिव के मुख स्वरूप की विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी।
Rudranath Temple Opening: पंच केदारों में महत्वपूर्ण माने जाने वाले चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट आज ब्रह्म मुहूर्त में विधिवत पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खोल दिए गए। इस शुभ अवसर पर मंदिर परिसर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से गुलजार रहा और चारों ओर “बम-बम भोले” के जयकारे गूंजते रहे।
आज तड़के करीब 4 बजे रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खोले गए। कपाटोद्घाटन की इस विशेष घड़ी के साक्षी बनने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंचे और आध्यात्मिक वातावरण में डूबे नजर आए। श्रद्धालु इस पल को अपनी भक्ति के जीवन में विशेष मानते हैं और इसे शिव के आशीर्वाद के रूप में देखते हैं।
Latest ALSO New Update Uttar Pradesh News, उत्तराखंड की ताज़ा ख़बर
गोपीनाथ मंदिर से शुरू हुई यात्रा, रुद्रनाथ धाम तक पहुँची डोली
रुद्रनाथ यात्रा की शुरुआत 16 मई को गोपीनाथ मंदिर, गोपेश्वर से हुई थी, जहां विधिवत पूजा-अर्चना के बाद भगवान रुद्रनाथ की चल विग्रह डोली को भक्तों की जय-जयकार के साथ धाम के लिए रवाना किया गया। उस दिन डोली पुन्गु गांव में रात्रि विश्राम के बाद 17 मई को पनार बुग्याल होते हुए सायं रुद्रनाथ मंदिर पहुंची।
READ MORE: जेपी नड्डा का उत्तराखंड दौरा, पिथौरागढ़ के सीमांत गांवों में करेंगे वाइब्रेंट विलेज योजना की समीक्षा
यह डोली यात्रा वर्षों से चली आ रही परंपरा का हिस्सा है और शिवभक्तों के लिए विशेष आध्यात्मिक अनुभव का स्रोत भी है। यात्रा के दौरान श्रद्धालु न सिर्फ भक्ति में लीन रहते हैं बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद लेते हैं।
रुद्रनाथ मंदिर में शिव के ‘एकनान’ स्वरूप की होती है पूजा
पंचकेदारों में चौथे स्थान पर आने वाले रुद्रनाथ मंदिर की विशेषता यह है कि यहां भगवान शिव के मुख स्वरूप की पूजा होती है। अन्य केदारों में जहां शिव के अन्य अंगों की पूजा होती है, वहीं रुद्रनाथ में ‘एकनान’ यानी चेहरा पूजित होता है।
कपाट खुलने के साथ ही अब अगले छह महीनों तक—अर्थात मई से लेकर अक्टूबर तक—यह मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शन और पूजा के लिए खुला रहेगा। शीतकाल में जब बर्फबारी के कारण मार्ग अवरुद्ध हो जाता है, तब भगवान रुद्रनाथ की पूजा गोपीनाथ मंदिर में संपन्न होती है।
प्रशासन ने की यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए चमोली जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मंदिर क्षेत्र तक पहुँचने वाले ट्रेकिंग मार्गों की निगरानी के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों की तैनाती कर दी गई है।
पढ़े ताजा अपडेट: Newswatchindia.com: Hindi News, Today Hindi News, Breaking
चमोली पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा के दौरान प्राकृतिक पर्यावरण का ध्यान रखें, प्लास्टिक का उपयोग न करें और कूड़ा न फैलाएं। पुलिस द्वारा यह भी कहा गया है कि स्वच्छता बनाए रखने में श्रद्धालुओं की भागीदारी से यह क्षेत्र और अधिक पवित्र और सुरक्षित बना रहेगा।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण
भगवान रुद्रनाथ का यह धाम न सिर्फ धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और प्राकृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह स्थान हिमालय की गोद में स्थित है, जहां तक पहुंचने के लिए भक्तों को लगभग 20 किलोमीटर की ट्रेकिंग करनी पड़ती है। इस मार्ग में पड़ने वाले बुग्याल, झरने और हिमालयी पर्वत श्रृंखलाएं यात्रियों को एक अलौकिक अनुभव प्रदान करती हैं।
कपाट खुलने के साथ ही अब हजारों श्रद्धालुओं की आवाजाही रुद्रनाथ धाम की ओर शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि इस बार यात्रियों की संख्या में पिछले वर्षों की तुलना में वृद्धि होगी।
Follow Us: हिंदी समाचार, Breaking Hindi News Live में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels। FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। Twitter।NEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV