The doors of Yamunotri Dham: उत्तरकाशी (उत्तराखंड): विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट आज भैया दूज के पावन अवसर पर, शुभ अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चारण और पारंपरिक विधियों के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। मकर लग्न, अनुराधा नक्षत्र और सौभाग्य योग में प्रातः 12 बजकर 5 मिनट पर मां यमुना के कपाट बंद किए गए। इसके बाद मां यमुना की उत्सव डोली को विशेष समारोह के साथ उनके शीतकालीन निवास खरसाली गांव के लिए रवाना किया गया, जहां वे आगामी छह माह तक श्रद्धालुओं को दर्शन देंगी।
शीतकाल में खरसाली गांव में होंगे मां यमुना के दर्शन
यमुनोत्री मंदिर के सचिव सुरेश उनियाल के अनुसार, मां यमुना की डोली को शनि देव की डोली की अगुवाई में खरसाली गांव ले जाया गया है। यहां मंदिर और पूरे गांव में मां के आगमन को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु शीतकाल के दौरान खरसाली गांव में मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे।
भव्य स्वागत की तैयारी में जुटे ग्रामीण
मां यमुना की उत्सव डोली के खरसाली गांव पहुंचने पर यहां के ग्रामीणों में विशेष उत्साह देखने को मिला। मां के आगमन के स्वागत में ग्रामीणों ने खरसाली गांव के यमुना मंदिर को फूल-मालाओं और रंग-बिरंगी सजावट से सजाया है। गांव की गलियों की सफाई कर स्वच्छता अभियान चलाया गया, जिसमें ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। मां यमुना के स्वागत में ग्रामीणों ने सभी तैयारियां सुबह से ही शुरू कर दी थीं, जिससे गांव का हर कोना सुंदर और पवित्र प्रतीत हो रहा था।
कपाट बंद होने का शुभ मुहूर्त
भैया दूज के शुभ दिन, सुबह से ही यमुनोत्री धाम में कपाट बंद होने का कार्यक्रम चल रहा था। मकर लग्न, अनुराधा नक्षत्र और सौभाग्य योग के इस संयोग को बेहद शुभ माना गया, जिसमें वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मां यमुना के कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होने से पहले पूजा-अर्चना और विशेष रीतियों का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों और पुजारियों ने आस्था के साथ मां का आह्वान किया।
यमुनोत्री यात्रा का समापन
इस वर्ष की यमुनोत्री यात्रा में श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब देखा गया। मां यमुना के दर्शन के लिए अब तक 7,11,754 यात्री यमुनोत्री धाम पहुंच चुके हैं, जिन्होंने मां के पावन धाम में दर्शन कर अपने जीवन को धन्य माना।
गंगोत्री धाम के कपाट भी हुए बंद
2 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद किए जा चुके हैं। अब यमुनोत्री और गंगोत्री दोनों धामों में शीतकाल के लिए पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थलों पर ही की जाएगी।
उत्तराखंड के चारधामों में अब केवल बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे, जिसके बाद उत्तराखंड की चारधाम यात्रा इस वर्ष समाप्त हो जाएगी।