Bihar News Today: बिहार में पुल हादसों का सिलसिला जारी है। जल समाधि के बाद एक के बाद एक पुल ढहने की खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है औरंगाबाद रोड पुल ढह गया। सूचना मिलते हैं प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची।
बिहार में बरसात के मौसम में पुलों के ढहने और बह जाने की घटनाएं बढ़ गई हैं। औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड में भी ऐसी ही एक घटना घटी। बता दें देव-अम्बा रोड पर चट्टी बाजार के पास निर्माणाधीन पुल पहली ही बारिश में बह गया। यह घटना 14 जुलाई यानि रविवार सुबह की है जब लोग अपने घरों से निकले। उन्होंने देखा कि शक्तिशाली जल प्रवाह ने निर्माणाधीन पुल के बगल में बने वैकल्पिक मार्ग (डायवर्सन) और उसके नीचे स्थित वैकल्पिक पुल को बहा दिया है।
निर्माण कार्य में लापरवाही
स्थानीय लोगों ने बताया पुल का निर्माण लापरवाही से किया गया है। जिला पार्षद गायत्री देवी ने ठेकेदार पर सरकारी धन का गलत तरीके से खर्च करने और लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। वहीं, समाजसेवी संजीव कुशवाहा ने कहा कि यह पुल अम्बा, देव और बालूगंज के सैकड़ों गांवों को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क है। पुल बह जाने के कारण लोगों को काम पर जाने में काफी परेशानी हो रही है। प्रखंड विकास पदाधिकारी कुंदन कुमार के अनुसार पुल बह जाने की सूचना मिलने के बाद जांच की जा रही है।
बिहार में एक महीने के अंदर 17 पुल गिरे
बता दें कि बिहार में 21 दिनों में कई पुल ध्वस्त हो चुके हैं। सिवान जिले में दो और सारण में एक पुल गिर गया। मधुबनी जिले के झंझारपुर में निर्माणाधीन पुल का बीम गिर गया। निर्माण की लागत करीब तीन करोड़ थी। बकरा नदी पर बन रहा 12 करोड़ रुपये का पुल भी गिर गया। कुछ दिनों बाद सीवान में गंडकी नदी पर बने पुल के ढहने की खबर सामने आई। फिर पूर्वी चंपारण में निर्माणाधीन पुल भी गिर गया। किशनगंज में महानंदा और कंकई नदियों को जोड़ने वाले पुल के ढहने की भी खबरें हैं। इसके अलावा, बड़ी संख्या में पंचायत स्तर के पुल ढह गए हैं।