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Uttarakhand HC Orders का अनुपालन आसान नहीं होगा, हल्द्वानी में रेलवे भूमि मामले में कांग्रेस फ्रंट फुट पर

उधर हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश इस मामले को लेकर दिल्ली पहुंचे। जहां उन्होने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद से कानूनी सलाह ली। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि हल्द्वानी विधायक इस मामले से राहुल गांधी व सोनिया गांधी को भी अवगत कराया जाएगा।

देहरादून। उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand HC) ने हल्द्वानी की रेलवे की भूमि अतिक्रमण मुक्त कराने के आदेश है। इससे सत्तारुढ दल भाजपा की धड़कने बढी हुई हैं। कांग्रेस इस प्रकरण में फ्रंट फुट पर खेलने को आतुर हैं। वहीं मुख्यमंत्री हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराने को विवश है।


लेकिन सवाल उठता है कि रेलवे की जमीन पर करीब 44 हजार लोगों ने कब्जा कर रहा है। वे यहां पर वर्षों से अपने आशियाना बनाकर रह रहे थे। अब सरकार को उनके आवासों को गिराने कर ही जमीन अतिक्रमण मुक्त करानी होगी। लेकिन ये बेघर होने वाले हजारों लोगों को कहां बसाया जाएगा, यह यक्ष प्रश्न है।

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इस मामले में कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा। उन्होने कहा कि धामी बतौर मुख्यमंत्री इन परिवारों के अभिभावक भी हैं। वे बतायें कि उन्हें वहां से हटाने के बाद कहां बसाया जाएगा। रावत ने उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand HC) के फैसले पर कोई टिप्पणी करने से इंकार किया। लेकिन उन्होने सरकार को जरुर घेरा।


उधर हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश इस मामले को लेकर दिल्ली पहुंचे। जहां उन्होने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद से कानूनी सलाह ली। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि हल्द्वानी विधायक इस मामले से राहुल गांधी व सोनिया गांधी को भी अवगत कराया जाएगा।

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इससे बाद कांग्रेस अपनी अगली रणनीति तैयार करेगी। उधर धामी सरकार को हाईकोर्ट के अनुपालन में कार्रवाई करनी ही होगी। लेकिन इससे करीब 45 हजार लोगों के बेघर होने पर कांग्रेस इसे मुद्दे बनाने की तैयार बैठी है। इसी को लेकर धामी सरकार मामले के मंथन में लगी है। रेलवे की भूमि पर अवैध कब्जा करने वाले को जमीन खाली करने के संबंध में नोटिस जारी किये जा रहे हैं।

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