नई दिल्ली: भारत के महान सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को कौन नहीं जानता होगा। हर क्रिकेट प्रेमी के जुबान पर इस खिलाड़ी का नाम क्रिकेट मैच देखने के बाद आ ही जाता है। इस खिलाड़ी में वो प्रतिभा थी की किसी भी मैच को अपने दम पर जीत दिला देता था। वीरेंद्र सहवाग आज फिर एक बार सुर्खियों में बने हैं। उन्होने क्रिकेट को अलविदा कई कारणों से किया।
सहवाग ने एक बार फिर खुलासा किया है कि वो साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर संन्यास लेने के लिए सोचा था। इसका वजह उन्होनें MS Dhoni को बताया। सहवाग का कुछ मैचों में बल्ला नहीं चला जिसके कारण कप्तान धोनी नें उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया था। सहवाग नें बताया कि मैने संन्यास लेने का पूरा मन बना लिया था लेकिन सचिन तेंदुलकर ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान वनडे से संन्यास लेने की घोषणा करने से रोक दिया था।
सहवाग ने उस त्रिकोणीय सीरीज के पहले चार मैचों में 6, 33, 11 और 14 रन बनाए थे। जिसके कारण धोनी ने प्लेइंग इलेवन से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। भारत उस श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। सहवाग 2011 में वनडे विश्व कप विजेता टीम के भी हिस्सा थे।
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सहवाग ने यह बात तब लोगों को बताया जब उनसे पूछा गया कि क्या विराट कोहली को खराब फॉम से उभरने के लिए क्रिकेट से ब्रेक लेना चाहिए। फिर सहवाग ने बताया कि मैने फिर टेस्ट सीरीज में वापसी कर 150 रन जड़े। सहवाग ने क्रिकबज शो ‘मैच पार्टी’ पर कहा, ‘एमएस धोनी ने मुझे प्लेइंग इलेवन से हटा दिया तो मेरे दिमाग में वनडे क्रिकेट छोड़ने का ख्याल आया। मैंने सोचा कि मैं केवल टेस्ट क्रिकेट खेलूंगा
उन्होंने सचिन से मिली सलाह का जिक्र करते हुए कहा, ‘सचिन तेंदुलकर ने मुझे उस समय रोका। उन्होंने कहा यह आपके जीवन का एक बुरा दौर है। बस रुको, इस दौरे के बाद घर वापस जाओ, सोचो और फिर तय करो कि आगे क्या करना है। सौभाग्य से उस समय मैंने अपनी संन्यास की घोषणा नहीं की।”
सहवाग ने सचिन के समझाने का जिक्र करते हुए बताया कि सचिन ने मुझे उस समय संन्यास लेने से रोका और सचिन ने मुझसे कहा आपका ये अभी बुरा दौर चल रहा है। तुम रुको इस दौर को झेलने की हिम्मत रखो और दौरे के बाद घर जाओ सोचो और फिर तय करना कि आगे क्या करना चाहिए । फिर मैने सोचा और अपने आप को समझा फिर उसके बाद मैने संन्यास की घोषणा नहीं की।”