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Shortage of judges in Uttarakhand High Court: उत्तराखंड हाईकोर्ट में जजों की कमी, बार काउंसिल ने की जल्द नियुक्ति की मांग

Shortage of judges in Uttarakhand High Court: उत्तराखंड के नैनीताल हाईकोर्ट में 55 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग हैं, बार काउंसिल का प्रतिनिधिमंडल जल्द केंद्रीय कानून मंत्री से करेगा मुलाकात

Shortage of judges in Uttarakhand High Court: नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सहित 5 जजों के पद खाली हैं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया पर बड़ा असर पड़ रहा है। 55 हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं, और वादकारियों को समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा है। इस स्थिति को लेकर उत्तराखंड बार काउंसिल और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने नाराजगी जताई है और केंद्र सरकार से रिक्त पदों को जल्द भरने की मांग की है।

जजों की कमी से कामकाज धीमा

उत्तराखंड हाईकोर्ट में कुल 11 जज होने चाहिए, लेकिन फिलहाल सिर्फ 6 जज ही काम कर रहे हैं। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएस मेहता ने बताया कि जजों की कमी के कारण रोजाना और साप्ताहिक मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। अपील और जमानत याचिकाओं पर भी समय से सुनवाई नहीं हो रही, जिससे जेल में बंद कई लोगों को राहत नहीं मिल रही है।

केंद्र सरकार से जल्द फैसला लेने की अपील

बार काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र पाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने 6 महीने पहले नए जजों के नामों की सिफारिश की थी। हाईकोर्ट के तीन वकीलों को भी जज बनाने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया। उन्होंने कहा कि जजों की कमी से अदालतों पर बोझ बढ़ता जा रहा है, जिससे न्याय देने की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

There is a shortage of judges in Uttarakhand High Court, Bar Council demands early appointment.

कानून मंत्री से मिलेगी बार एसोसिएशन

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव बीरेंद्र रावत ने कहा कि बार एसोसिएशन जल्द ही केंद्रीय कानून मंत्री से मुलाकात करेगा। वरिष्ठ अधिवक्ता पुष्पा जोशी ने कहा कि जजों की कमी का सबसे ज्यादा खामियाजा वादकारियों को उठाना पड़ रहा है, जो लंबे समय से अपने मामलों के निपटारे का इंतजार कर रहे हैं।

55 हजार से ज्यादा मामले पेंडिंग

बार काउंसिल का कहना है कि हाईकोर्ट में 55 हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं, और अगर जल्द ही रिक्त पद नहीं भरे गए तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। बार एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि समय रहते कदम न उठाने पर वादकारियों की परेशानियां बढ़ेंगी।

न्यायपालिका में सुधार जरूरी

मंगलवार को बार काउंसिल की प्रेस वार्ता में कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भाग लिया। सभी ने एकमत होकर कहा कि न्यायपालिका में सुधार और वादकारियों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए जजों की नियुक्ति बहुत जरूरी है। बार काउंसिल ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में देरी जनता के विश्वास को कमजोर कर सकती है।

अब सभी की नजरें केंद्र सरकार पर हैं कि वह इस समस्या का समाधान कब और कैसे करती है।

Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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