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LEOPARD DIED OF AVIAN FLU: नागपुर के रेस्क्यू सेंटर में एवियन फ्लू से तीन बाघों और एक तेंदुए की मौत, चिकन खाने से संक्रमण की आशंका

LEOPARD DIED OF AVIAN FLU: नागपुर के रेस्क्यू सेंटर में एवियन फ्लू से तीन बाघों और एक तेंदुए की मौत, चिकन खाने से संक्रमण की आशंका LEOPARD DIED OF AVIAN FLU : महाराष्ट्र के नागपुर जिले में स्थित गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में तीन बाघों और एक तेंदुए की मौत की घटना सामने आई है, जो एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) वायरस से संक्रमित होने की संभावना से जुड़ी हुई है। इन जानवरों के संक्रमित होने की आशंका चिकन खाने के बाद जताई जा रही है, हालांकि इसकी पुष्टि करने के लिए लेबोरेटरी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इस घटना के बाद संबंधित चिड़ियाघरों को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश जारी किया गया है और अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे जानवरों को खिलाने से पहले भोजन का निरीक्षण करें। चिकन खाने से संक्रमण की आशंका नागपुर के वन मंत्री गणेश नाइक ने गुरुवार को मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि यह संभव है कि चारों जानवरों को चिकन खाने के बाद H5N1 वायरस से संक्रमण हुआ हो, हालांकि यह अभी तक सुनिश्चित नहीं हुआ है क्योंकि वैज्ञानिक प्रयोगशाला से रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। उन्होंने बताया कि इन जानवरों को चंद्रपुर से गोरेवाड़ा बचाव केंद्र में स्थानांतरित किया गया था, और यहां पर उन्हें खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सभी सावधानियों के साथ रखा गया था। हाइलाइटेड महामारी: H5N1 वायरस का खतरा गोरेवाड़ा परियोजना के मंडल प्रबंधक शतानिक भागवत ने इस मामले के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि बाघों और तेंदुए के सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए थे। 2 जनवरी को प्राप्त रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि ये सभी जानवर H5N1 वायरस से संक्रमित थे, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है। H5N1 वायरस पक्षियों में अधिक पाया जाता है, लेकिन यह अन्य जानवरों और इंसानों में भी फैल सकता है, खासकर यदि वे संक्रमित मांस खाते हैं। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए, सेंटर ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें चिड़ियाघरों और अन्य जंगली जानवरों के संरक्षण केंद्रों को एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। विभाग ने चिड़ियाघरों और वन्यजीव केंद्रों में मांस की आपूर्ति और खाद्य सुरक्षा के संबंध में जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा, सभी जगह कीटाणुशोधन और स्वच्छता सुनिश्चित करने के उपाय किए जा रहे हैं। चिड़ियाघरों को अस्थायी रूप से बंद करने के आदेश वन मंत्री गणेश नाइक ने यह भी स्पष्ट किया कि इस घटना के बाद प्रभावित चिड़ियाघरों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, ताकि संक्रमण फैलने का खतरा न हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे भविष्य में जानवरों को चिकन और अन्य मांस के उत्पादों को खिलाने से पहले उनकी गुणवत्ता और संक्रमण की स्थिति की जांच करें। आगे की जांच और सुरक्षा उपाय नागपुर और आसपास के क्षेत्रों में H5N1 वायरस के संभावित फैलाव को रोकने के लिए व्यापक जांच और निगरानी प्रक्रिया शुरू की गई है। वन अधिकारी इस मामले में अधिक जानकारी के लिए विस्तृत जांच कर रहे हैं और जल्द ही वैज्ञानिक परीक्षणों के आधार पर अधिक जानकारी जारी करने की योजना है। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पक्षी फ्लू और अन्य वायरसों का खतरा केवल घरेलू और जंगली पक्षियों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि ये जंगली जानवरों और इंसानों तक भी फैल सकते हैं, जिससे जैविक सुरक्षा और सतर्कता की अहमियत बढ़ जाती है। राज्य और केंद्र सरकार के स्तर पर संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं, और चिड़ियाघरों में स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी नियमों को कड़ा किया जा रहा है। इन गंभीर घटनाओं से सभी को यह संदेश मिलता है कि जानवरों की सुरक्षा और उनके पर्यावरण की रक्षा करना समय की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

LEOPARD DIED OF AVIAN FLU : महाराष्ट्र के नागपुर जिले में स्थित गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में तीन बाघों और एक तेंदुए की मौत की घटना सामने आई है, जो एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) वायरस से संक्रमित होने की संभावना से जुड़ी हुई है। इन जानवरों के संक्रमित होने की आशंका चिकन खाने के बाद जताई जा रही है, हालांकि इसकी पुष्टि करने के लिए लेबोरेटरी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इस घटना के बाद संबंधित चिड़ियाघरों को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश जारी किया गया है और अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे जानवरों को खिलाने से पहले भोजन का निरीक्षण करें।

चिकन खाने से संक्रमण की आशंका

नागपुर के वन मंत्री गणेश नाइक ने गुरुवार को मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि यह संभव है कि चारों जानवरों को चिकन खाने के बाद H5N1 वायरस से संक्रमण हुआ हो, हालांकि यह अभी तक सुनिश्चित नहीं हुआ है क्योंकि वैज्ञानिक प्रयोगशाला से रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। उन्होंने बताया कि इन जानवरों को चंद्रपुर से गोरेवाड़ा बचाव केंद्र में स्थानांतरित किया गया था, और यहां पर उन्हें खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सभी सावधानियों के साथ रखा गया था।

पढ़े: सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को निर्देश: 14 मार्च तक मोटर दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस चिकित्सा उपचार की योजना तैयार करें

हाइलाइटेड महामारी: H5N1 वायरस का खतरा

गोरेवाड़ा परियोजना के मंडल प्रबंधक शतानिक भागवत ने इस मामले के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि बाघों और तेंदुए के सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए थे। 2 जनवरी को प्राप्त रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि ये सभी जानवर H5N1 वायरस से संक्रमित थे, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है। H5N1 वायरस पक्षियों में अधिक पाया जाता है, लेकिन यह अन्य जानवरों और इंसानों में भी फैल सकता है, खासकर यदि वे संक्रमित मांस खाते हैं।

Three tigers and a leopard died of avian flu in Nagpur’s rescue centre, infection suspected to have occurred due to eating chicken.

इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए, सेंटर ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें चिड़ियाघरों और अन्य जंगली जानवरों के संरक्षण केंद्रों को एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। विभाग ने चिड़ियाघरों और वन्यजीव केंद्रों में मांस की आपूर्ति और खाद्य सुरक्षा के संबंध में जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा, सभी जगह कीटाणुशोधन और स्वच्छता सुनिश्चित करने के उपाय किए जा रहे हैं।

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चिड़ियाघरों को अस्थायी रूप से बंद करने के आदेश

वन मंत्री गणेश नाइक ने यह भी स्पष्ट किया कि इस घटना के बाद प्रभावित चिड़ियाघरों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, ताकि संक्रमण फैलने का खतरा न हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे भविष्य में जानवरों को चिकन और अन्य मांस के उत्पादों को खिलाने से पहले उनकी गुणवत्ता और संक्रमण की स्थिति की जांच करें।

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आगे की जांच और सुरक्षा उपाय

नागपुर और आसपास के क्षेत्रों में H5N1 वायरस के संभावित फैलाव को रोकने के लिए व्यापक जांच और निगरानी प्रक्रिया शुरू की गई है। वन अधिकारी इस मामले में अधिक जानकारी के लिए विस्तृत जांच कर रहे हैं और जल्द ही वैज्ञानिक परीक्षणों के आधार पर अधिक जानकारी जारी करने की योजना है।

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पक्षी फ्लू और अन्य वायरसों का खतरा केवल घरेलू और जंगली पक्षियों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि ये जंगली जानवरों और इंसानों तक भी फैल सकते हैं, जिससे जैविक सुरक्षा और सतर्कता की अहमियत बढ़ जाती है।

राज्य और केंद्र सरकार के स्तर पर संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं, और चिड़ियाघरों में स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी नियमों को कड़ा किया जा रहा है। इन गंभीर घटनाओं से सभी को यह संदेश मिलता है कि जानवरों की सुरक्षा और उनके पर्यावरण की रक्षा करना समय की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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