नई दिल्ली: वृहस्पतिवार को देश के दो राज्यों में लोकसभा की तीन और चार राज्यों की सात विधानसभा की सीटों के लिए हुए उपचुनाव शांतिपूर्ण कुल मिलाकर मतदान रहा। हालांकि रामपुर में सपा के नेताओं ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को मतदान करने से रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन प्रशासन से इससे इंकार किया।
यूपी में दो लोकसभा सीटों रामपुर और आजमगढ पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी में कड़ा मुकाबला रहा। इन दोनो लोकसभा सीटों पर 2019 में हुए आम चुनाव में सपा ने जीती थीं। उप चुनाव में रामपुर सीट से सपा के आसिम रजा और भाजपा के धनश्याम लोधी के बीच मुकाबला रहा। आजमगढ में सपा धर्मेन्द्र यादव और भाजपा के दिनेश लाल यादव उर्फ निरुआ, और बसपा के आसिम रजा के बीच मुकाबला रहा। इनमें कांटे का टक्कर सपा और भाजपा के बीच रही। बता दें कि रामपुर की सीट आजम खां के विधायक चुने जाने पर सांसद पर से इस्तीफा दिया था, जबकि आजमगढ से अखिलेश यादव को भी विधायक बनने पर सांसद पद से त्याग पत्र देना पड़ा था।
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इधर पंजाब के संगरुर लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव हुआ, जिसमें पांच राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों आम आदमी पार्टी के गुरमेल सिंह, भाजपा के केवल सिंह ढिल्लों, कांग्रेस के दलवीर गोल्डी, शिरोमणि अकाली दल के कमलदीप कौर राजोआणा और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) की सिमरनजीत सहमान के बीच मुकाबला रहा। इस सीट पर पंजाब के मुख्यमंत्री भंगवत सिंह मान की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई। भगवंत मान संगरुर लोकसभा सीट से गत दो बार से निरतंर जीतते रहे हैं। मान के मुख्यमंत्री बनाने के बाद उनके इस्तीफा देने से ही यह सीट खाली हुई थी। इसलिए आप प्रत्याशी गुरमेल सिंह की जीत- हार से ही मान के निजी राजनीतिक वजूद का पता चलेगा।
इनके चार राज्यों की सात विधानसभा सीटों में त्रिपुरा की चार सीटों अगरतला, टाउन बोरडोवाली, सुरमा और जुबराजनगर, दिल्ली की राजेन्द्रनगर, झारखंड की मंदारी, आंध्र प्रदेश की आत्मकुर विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हुए। इन सीटों पर अपनी किस्मत आजमा रहे सभी प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 26 जून को सामने आयेगा।