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Tourists troubled by Delhi’s pollution : दिल्ली के प्रदूषण से परेशान पर्यटकों ने किया उत्तराखंड का रुख, हिल स्टेशनों पर बढ़ी रौनक

दिल्ली के प्रदूषण से परेशान पर्यटकों ने किया उत्तराखंड का रुख, हिल स्टेशनों पर बढ़ी रौनक

Tourists troubled by Delhi’s pollution : दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण और जहरीली हवा से परेशान लोग अब उत्तराखंड के हिल स्टेशनों का रुख कर रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली में शनिवार सुबह 6 बजे औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 419 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। इस खतरनाक प्रदूषण ने लोगों को ना सिर्फ स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार बनाया, बल्कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में जनजीवन भी प्रभावित हो गया है। इसी कारण दिल्ली के लोग अब पहाड़ों की स्वच्छ हवा और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों पर पहुंच रहे हैं।

दिल्ली में प्रदूषण के कारण जनजीवन प्रभावित

दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। लोगों को सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने इससे निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि स्कूलों को ऑनलाइन करना, सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की सुविधा, और अन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद प्रदूषण का असर कम नहीं हो सका है। प्रदूषण से बचने के लिए लोग घरों में बंद रहने को मजबूर हो गए हैं।

उत्तराखंड में पर्यटन स्थलों पर उमड़े सैलानी

दिल्ली से लगभग 200 किलोमीटर दूर उत्तराखंड के हिल स्टेशनों की स्वच्छ हवा और सुंदर प्राकृतिक वातावरण दिल्ली और एनसीआर के निवासियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। मसूरी, नैनीताल, ऋषिकेश, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और लैंसडाउन जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर इन दिनों भारी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। आमतौर पर, चारधाम यात्रा समाप्त होने के बाद उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आ जाती है, लेकिन इस बार दिल्ली के प्रदूषण ने स्थानीय पर्यटन उद्योग को एक नई ऊर्जा दी है।

Tourists troubled by Delhi’s pollution turned to Uttarakhand, hill stations became more lively

व्यापारियों और होटल मालिकों के चेहरे खिले

पर्यटकों की बढ़ती संख्या से उत्तराखंड के व्यापारियों और होटल व्यवसायियों के चेहरे खिले हुए हैं। मसूरी ट्रेड एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने बताया कि आमतौर पर यह समय ऑफ-सीजन होता है, लेकिन दिल्ली में प्रदूषण के कारण पर्यटकों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। होटल और होमस्टे संचालक अपने ग्राहकों को खास डिस्काउंट देकर आकर्षित कर रहे हैं।

रजत अग्रवाल ने कहा, “यह समय उत्तराखंड घूमने के लिए आदर्श है। न जाम है, न भीड़-भाड़। पर्यटक शांति और स्वच्छ वातावरण का आनंद ले सकते हैं। हम चाहते हैं कि दिल्ली में प्रदूषण से परेशान लोग यहां आकर राहत पाएं और स्थानीय व्यवसाय को भी इसका लाभ मिले।”

सैलानी ले रहे मौसम का आनंद

उत्तराखंड की ठंडी वादियों और गुनगुनी धूप में पर्यटक जमकर आनंद ले रहे हैं। मसूरी और नैनीताल में जहां होटलों की बुकिंग लगभग फुल हो गई है, वहीं ऋषिकेश और पौड़ी गढ़वाल के क्षेत्रों में पार्किंग स्थलों पर भीड़ बढ़ने लगी है। दिल्ली से आए एक पर्यटक अनिल ने कहा, “दिल्ली में सुबह और शाम को ऐसा लगता है जैसे कोहरा छाया हुआ है, लेकिन वह कोहरा नहीं, बल्कि प्रदूषण की परत है। उत्तराखंड आकर हमें खुली हवा में सांस लेने का मौका मिला है, जो हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है।”

लैंसडाउन, खिरसू और पिथौरागढ़ जैसे अपेक्षाकृत शांत पर्यटन स्थलों पर भी सैलानियों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। स्थानीय व्यापारी प्रदीप का कहना है कि चारधाम यात्रा समाप्त होने के बाद आमतौर पर पर्यटकों की संख्या 10% तक घट जाती है। लेकिन इस बार दिल्ली और एनसीआर से आ रहे पर्यटकों ने पर्यटन स्थलों पर रौनक बढ़ा दी है।

स्थानीय व्यापार को मिला प्रोत्साहन

पर्यटकों की आमद से स्थानीय व्यापार को भी बड़ा प्रोत्साहन मिला है। होटल और होमस्टे संचालकों के अलावा रेस्तरां, ट्रांसपोर्ट, और अन्य स्थानीय व्यवसाय भी इस बढ़ती संख्या से लाभान्वित हो रहे हैं। मसूरी, नैनीताल और ऋषिकेश जैसे स्थलों पर बाजारों में रौनक लौट आई है।

Mansi Negi

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