Tourists will get acquainted with the heritage of Jim Corbett:जिम कॉर्बेट की विरासत से रूबरू होंगे पर्यटक: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जल्द शुरू होगी हेरिटेज सफारी
ourists will get acquainted with the heritage of Jim Corbett:कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पर्यटक अब महान शिकारी जिम कॉर्बेट की जिंदगी को करीब से जान सकेंगे। रामनगर कॉर्बेट पार्क में जल्द ही हेरिटेज सफारी शुरू की जाएगी, जहां जिम कॉर्बेट की जीवनी और उनसे जुड़ी खास बातें पर्यटकों को बताई जाएंगी।
Tourists will get acquainted with the heritage of Jim Corbett: रामनगर: उत्तराखंड के विश्वप्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अब पर्यटकों को न केवल वन्यजीवों के दीदार का मौका मिलेगा, बल्कि वे महान शिकारी, लेखक और संरक्षणकर्ता जिम कॉर्बेट की विरासत से भी परिचित हो सकेंगे। कॉर्बेट प्रशासन ने इस दिशा में एक नई पहल करते हुए कॉर्बेट हेरिटेज सफारी शुरू करने की तैयारी कर ली है। इस सफारी के जरिए पर्यटक जिम कॉर्बेट के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं, उनके ऐतिहासिक योगदान और उनके द्वारा लिखी गई कहानियों को जान सकेंगे।
जिम कॉर्बेट के जीवन को करीब से जानेंगे पर्यटक
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व देश और दुनिया भर में बाघों की बड़ी संख्या और शानदार वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है। हर साल लाखों पर्यटक यहां वन्यजीव सफारी का आनंद लेने आते हैं। लेकिन यह पहली बार है जब पर्यटकों को जिम कॉर्बेट की विरासत से परिचित कराने की योजना बनाई गई है।
कालाढूंगी से शुरू होगी हेरिटेज सफारी
रामनगर वन विभाग के अंतर्गत कालाढूंगी जोन से इस सफारी की शुरुआत की जाएगी। यह स्थान जिम कॉर्बेट के जीवन का अहम हिस्सा रहा है। सर्दियों में जिम कॉर्बेट अधिकतर समय यहीं बिताते थे। वहीं गर्मियों में वे नैनीताल चले जाते थे। सफारी के दौरान पर्यटकों को जिम कॉर्बेट से जुड़ी यादों को करीब से जानने का मौका मिलेगा।
कॉर्बेट की विरासत और उनका योगदान
जिम कॉर्बेट को एक महान शिकारी के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में आदमखोर बाघों के आतंक से लोगों को बचाया। उन्होंने न केवल बाघों का शिकार किया, बल्कि बाद में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए भी काम किया। उनकी प्रसिद्ध किताब “मैन ईटर्स ऑफ कुमाऊं” में उन्होंने 1930 की घटनाओं का जिक्र किया है, जहां उन्होंने 10 फीट 7 इंच लंबे एक आदमखोर बाघ का शिकार किया था। यह सफारी जिम कॉर्बेट के इसी तरह के ऐतिहासिक योगदान को सामने लाने का एक प्रयास है।
सफारी का रूट और अनुभव
इस सफारी का रूट विशेष रूप से इस तरह से तैयार किया गया है कि पर्यटक न केवल जिम कॉर्बेट की विरासत को जान सकें, बल्कि बाघों और अन्य वन्यजीवों का भी दीदार कर सकें। सफारी के दौरान वे उन जगहों को देखेंगे, जहां जिम कॉर्बेट ने आदमखोर बाघों का शिकार किया और जहां उन्होंने अपना जीवन बिताया।
म्यूजियम और हेरिटेज साइट्स का दीदार
पर्यटकों को कालाढूंगी में स्थित जिम कॉर्बेट के आवास और म्यूजियम में उनके जीवन से जुड़े ऐतिहासिक पहलुओं को दिखाया जाएगा। यहां उनकी किताबों, शिकार से जुड़े उपकरणों और अन्य महत्वपूर्ण चीजों को प्रदर्शित किया जाएगा।
पर्यावरण संरक्षण पर जोर
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व न केवल वन्यजीवों के लिए, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी जाना जाता है। जिम कॉर्बेट ने अपने जीवन में वन्यजीवों के संरक्षण पर जोर दिया और इसके महत्व को समझाया। इस नई पहल का उद्देश्य न केवल पर्यटकों को वन्यजीवों और प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाना है, बल्कि उन्हें जिम कॉर्बेट की सोच और उनकी उपलब्धियों से प्रेरित करना भी है।
मोहान सफारी भी होगी शुरू
कॉर्बेट प्रशासन की एक और पहल के तहत अल्मोड़ा जिले में मोहान सफारी शुरू करने की योजना है। इस सफारी का मुख्य फोकस बाघों और अन्य वन्यजीवों को दिखाने पर रहेगा।
पर्यटकों के लिए खास अनुभव
यह हेरिटेज सफारी उन लोगों के लिए एक अनोखा अवसर है, जो न केवल वन्यजीवों को देखना चाहते हैं, बल्कि जिम कॉर्बेट जैसे महान व्यक्तित्व के जीवन को करीब से जानने के इच्छुक हैं। इसके अलावा, सफारी का यह नया विकल्प पर्यटकों को प्रकृति और इतिहास का अद्भुत अनुभव देगा।
वन विभाग की कोशिश
वन विभाग का यह प्रयास कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को एक नई पहचान देने और पर्यटकों को खास अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह हेरिटेज सफारी पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।