102 युवा कलाकारों को संगीत नाटक अकादेमी उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार से सम्मानित किया गया
वर्ष 2006 में संगीत नाटक अकादेमी द्वारा 'उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार' की शुरूवात की गई थी। हर साल 1 अप्रैल को 40 वर्ष से कम आयु के कलाकारों को संगीत नाटक अकादेमी उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार दिया जाता है। जिसमें संगीत नृत्य, रंगमंच
New Delhi News ! नई दिल्ली, वर्ष 2019, 2020 और 2021 के लिए संगीत नाटक अकादेमी के उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार डॉ. संध्या पुरेचा अध्यक्ष, संगीत नाटक अकादेमी की उपस्थिति में भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के माननीय संस्कृति, पर्यटन और विकास मंत्री श्री जी किशन रेड्डी द्वारा प्रदान किए गए। जिसमें श्री जोरावरसिंह जादव, उपाध्यक्ष, संगीत नाटक अकादेमी और श्री अनीश पी राजन, सचिव, संगीत नाटक अकादेमी उपस्थिति रहे, यह समारोह 15 फरवरी 2023 को शाम 5.00 बजे। मेघदूत थिएटर कॉम्प्लेक्स, रवींद्र भवन, कोपरनिकस मार्ग, नई दिल्ली में आयोजित हुआ। जिसमें 102 युवा कलाकारों को पुरस्कार के लिए अकादेमी की सामान्य परिषद द्वारा देश भर से चुना गया था। ,जिन्होंने प्रदर्शन कला के अपने संबंधित क्षेत्रों में छाप छोड़ी है.
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केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने की शिरकत
केंद्रीय संस्कृति मंत्री, श्री जी किशन रेड्डी ने पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने और बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न पहलों के बारे में बात की। समारोह के साथ पुरस्कार विजेताओं की प्रस्तुतियां भी हुईं। दारे खां मांगनियार ने राजस्थान के समृद्ध लोक संगीत को प्रस्तुत किया। एन के सुमी ने श्रोताओं को नागालैंड के समृद्ध लोक संगीत की झलक दीं। जॉयदीप मुखर्जी ने सुरसिंगार पर राग बसंत गौरी की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। वही अनुपमा मेनन और स्वप्नोकल्प दासगुप्ता ने मोहिनीअट्टम और ओडिसी को प्रस्तुत किया।
संगीत नाटक अकादमी ने भव्य समारोह में युवा कलाकारों को पुरस्कार प्रदान किए।
वर्ष 2006 में संगीत नाटक अकादेमी द्वारा ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार‘ की शुरूवात की गई थी। हर साल 1 अप्रैल को 40 वर्ष से कम आयु के कलाकारों को संगीत नाटक अकादेमी उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार दिया जाता है। जिसमें संगीत नृत्य, रंगमंच, कठपुतली और प्रदर्शन कला के अन्य पारंपरिक, लोक और जनजातीय रूप में उत्कृष्ट प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और उन्हें जीवन में जल्दी ही राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए प्रदान किया जाता है ताकि वे अपने चुने हुए कला रूप के लिए जीवन भर अधिक प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ काम कर सकें।