मुख्यमंत्री झारखंडः हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, नहीं चलेंगे खनन पट्टे आवंटन के मामले
शिवशंकर शर्मा ने झारखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। इसमें उन्होने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर शेल कंपनियों पर निवेश करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा सोरेन पर अपनी नजदीकियों को गलत तरीके से खनन लीज करने की भी जानकारी दी थी।
नई दिल्ली/रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट द्वारा उनके खिलाफ दाखिल की गयी पीआईएल को मेंटेनबल मानने संबंधी आदेश को रद्द कर दिया है।
इसके साथ ही झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट ने दूसरी बड़ी राहत दी। शीर्ष अदालत ने उनके खिलाफ दाखिल याचिकाओं को सुनने योग्य नहीं माना। इस कारण हेमंत सोरेन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाएं खारिज कर दी गयी हैं।
यह भी पढेंः सुप्रीम कोर्ट का फैसलाः EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर, पांच में से तीन जज आरक्षण के पक्ष में थे
बता दें कि शिवशंकर शर्मा ने झारखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। इसमें उन्होने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर शेल कंपनियों पर निवेश करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा सोरेन पर अपनी नजदीकियों को गलत तरीके से खनन लीज करने की भी जानकारी दी थी।
इस याचिका पर सुनवाई के बाद झारखंड हाई कोर्ट ने इस जनहित याचिका को सुनवाई के योग्य माना था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड हाई कोर्ट ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी था। सुप्रीम कोर्ट में 17 अगस्त को सुनवाई पूरी हो गयी थी। लेकिन फैसला सुरक्षित रखा था।