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सुप्रीम कोर्ट का फैसलाः EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर, पांच में से तीन जज आरक्षण के पक्ष में थे

EWS आरक्षण संबंधी याचिका में पांच सदस्यीय पीठ में सुनवाई हुई थी। इस मामले में सोमवार को पांच में से तीन सदस्य जस्टिस बेली त्रिवेदी, जस्टिस जेवी पादरीवाला, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी ने आरक्षण के पक्ष में फैसला दिया। इस मामले में मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित व जस्टिस रविन्द्र भट्ट आरक्षण दिये जाने के पक्ष में नहीं थे।

नई दिल्ली। EWS RESERVATION संबंधी याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने  EWS आरक्षण पर अपनी मुहर लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ के तीन जजों ने आरक्षण के पक्ष में फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित व जस्टिस रविन्द्र भट्ट ने आरक्षण दिये जाने पर असहमति जतायी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने EWS RESERVATION मामले में भारतीय संविधान में 2019 में किये गये 103वें संशोधन को सही ठहराया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा EWS आरक्षण पर अपनी मुहर लगा देने से सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण मिलना जारी रहेगा। EWS आरक्षण के तहत उच्च जातियों के गरीब युवकों को आरक्षण को लाभ मिलेगा।

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EWS आरक्षण संबंधी याचिका में पांच सदस्यीय पीठ में सुनवाई हुई थी। इस मामले में सोमवार को पांच में से तीन सदस्य जस्टिस बेली त्रिवेदी, जस्टिस जेवी पादरीवाला, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी ने आरक्षण के पक्ष में फैसला दिया। इस मामले में मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित व जस्टिस रविन्द्र भट्ट आरक्षण दिये जाने के पक्ष में नहीं थे।

इस याचिका पर सुनवाई 27 सितंबर को ही पूरी हो गयी थी। लेकिन कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए 7 नवबंर को फैसला की तिथि निर्धारित की थी।

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