नई दिल्ली: शुक्रवार को एक तरफ जहां बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी से कई सवाल पूछकर उन्हें घेरा, वहीं सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिशन के अध्यक्ष डा. आदिश अग्रवाल ने सनसनीखेज खुलासा किया कि 2010 में उनके आयोजन ‘नेशनल कांफ्रेंस ऑफ जुरिस्ट्स ऑफ इंटरनेशनल टेरेरिज्म’ में भाग लेने के लिए पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को आमंत्रण भेजने के लिए तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपने कार्यालय स्टाफ से फोन कराया गया था।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिशन के अध्यक्ष का दावा है कि जब उन्हें पता चला कि पाक पत्रकार नुसरत मिर्जा पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी मेहरवान है और आतंकवाद के प्रति नरम रुख रखते हैं, तो बतौर आयोजक उन्होने उपराष्ट्रपति की सिफारिश होने के बावजूद नुसरत मिर्जा को इस कांफ्रेंस में नहीं बुलाया गया था। तब उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने गहरी नाराजगी जताई थी और वे इतने खफा थे कि उस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उन्हें एक घंटे उपस्थित रहना था, लेकिन अंसार महज बीस मिनट ही वहां रुके थे।
आदिश अग्रवाल ने यह भी खुलासा किया कि अक्टूबर 2009 में कांग्रेस से जुड़े लोगों ने ‘इंटरनेशनल कांफ्रेंस अगेंस्ट टेरेरिज्म’ नाम से एक कार्यक्रम किया था, जिसमें केवल मुस्लिमों को बुलाया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल यह संदेश प्रचारित करना था कि मुस्लिम आंतकवादी नहीं होते। मुस्लिम को आंतकवादी बताकर पूरी कौम को अपमानित किया जाता है। इस कार्यक्रम में नुजरत मिर्जा मौजूद थे।
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उधर बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी से कई सवालों नये सवाल जवाब मांगते हुए तीनों से जवाब मांगा। उन्होने कहा कि सारे मामले में इन तीनों को जनता के सामने आकर सच्चाई स्वीकारने चाहिए। हामिद अंसारी ये कैसे कह सकते हैं कि उन्हें कार्यक्रम में नुसरत मिर्जा के आने के जानकारी नहीं थी। भाटिया ने कहा कि उपराष्ट्रपति यदि किसी कार्यक्रम में भाग लेते हैं तो प्रोटोकॉल के तहत उन्हें और उनके स्टाफ को सब जानकारी दी जाती है कि मंच पर कौन-कौन होगा और कार्यक्रम में कौन-कौन भाग लेंगे।
गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी देश की जनता से झूठ क्यों बोल रहे हैं। उन्होने कहा कि भारतीयता से बड़ा कोई दूसरी राष्ट्रीय धर्म नहीं है। उन्होने कहा कि देश हित में उन्हें सच्चाई को स्वीकार करना ही होगा।