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Udaipur Kanhaiya Lal Murder : इस्लामिक कट्टरवादियों ने निर्दोष हिन्दू की हत्या कर देश का माहौल बिगाड़ा, केन्द्र ने जांच एनआईए को सौंपी

जयपुर: राजस्थान के उदयपुर के थाना क्षेत्र धानमंडी के मालदास स्ट्रीट में मंगलवार शाम जिस तरह से दो इस्लामिक कट्टरवादियों गौस मोहम्मद और रियाज अखतरी ने दिनदहाड़े कन्हैया लाल की उसी की ही दुकान में घुसकर गला रेतकर हत्या कर दी, उससे फिर से राजस्थान ही नहीं देश भर में मौहाल बिगड़ गया है। जिहादी व इस्लामिक उन्माद में की गयी इस हत्या के मामले की गंभीरता को देखते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पूरे मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) को सौंप दी है।
राजस्थान के जयपुर में भले ही बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था को देखते हुए इंटरनेट सेवाएं बंद किये जाने के साथ ही कर्फ्यू लगा दिया हो लेकिन यूपी में ही योगी सरकार को अलर्ट जारी करना पड़ा है और पूरे देश में दो समुदायों के बीच साम्प्रदायिकता को बढावा दिया है।

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कन्हैया लाल की जिस कारण हत्या की गयी है, उसका उससे कुछ लेना देना नहीं था। वह तो सामान्य प्रवृत्ति का सीधा-साधा सा टेलर हो। उसके आठ साल के बेटे ने कुछ दिन पहले नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी थी, इस छोटी सी आम पोस्ट की वजह से इस्लामिक कट्टरवादी गौस मोहम्मद और रियाज अख्तरी इतने नाराज हुए कि उन्होने कन्हैया लाल को एक सप्ताह पहले जान से मारने की धमकी दे डाली थी। कन्हैया अपनी जान की रक्षा के लिए पुलिस के पास भी पहुंचा था, लेकिन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने और कन्हैया लाल को सुरक्षा देने की बजाय सावधान रहने की सलाह दे डाली।

एक सप्ताह तक कन्हैया ने डर के मारे अपनी दुकान बंद रखी और स्थिति को सामान्य मानकर जिस दिन दुकान खोली, उसी दिन उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। सवाल उठता है कि हत्यारे कट्टरपंथियों को किसी तरह का कोई डर नहीं है, उन्होने हत्या के बाद दुस्साहसिक तरीके से वीडियो बनाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नूपुर शर्मा को लेकर अभद्र टिप्पणी करने साथ ही उनकी भी हत्या की धमकी दे डाली। इसलिए इन हत्यारों के पीछे देश विरोधी ताकतों की हाथ होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।

उदयपुर पुलिस हत्यारे मोहम्मद रियाज और गोस मोहम्मद को राजसमंद के भीम इलाके से गिरफ्तार कर लिया है। घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, लेकिन इस मामले में जांच की जरुरत ही नहीं है। हत्यारों द्वारा जारी की गयी वीडियों में सारी वारदात कैद है और वे खुद अपना गुनाह कबूल रहे हैं, ऐसे में अदालत को चाहिए कि हत्या करने वाले दोनों कट्टरवादी हत्यारों को अधिकतम सजा के रुप में यथाशीघ्र फांसी की सजा सुनाए, ताकि इस तरह की मानसिकता वाले लोगों में कानून और अदालत का भय हो और वे इस तरह धार्मिक उन्माद के चलते निर्दोष हिन्दुओं का खून बहाने की हिम्मत न जुटा सकें।

news watch india
Team News Watch India

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