नई दिल्ली/ जोशीमठ। बृहस्तपिवार को जोशीमठ में खराब मौसम ने चिंता बढा दी। स्थानीय लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है। उनका कहना है कि बिना मुआवजे की घोषणा किये बगैर वे अपने घरों को नहीं गिरने देंगे। खराब मौसम और लोगों के विरोध के चलते आज भी होटल गिराने पर सस्पेंस रहा। लेकिन धरना देने वालों को वहां से हटा कर होटल गिराने की कार्रवाई की जाने लगी।
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) ने होटल मलारी इन व माउंट व्यू के गिराने की तैयारी शुरु कर दी। दरअसल मलारी इन का लगातार पीछे झुकना खतरनाक होता जा रहा था। सीबीआरआई की टीम के निर्देशन में होटल गिराने की कार्रवाई की जा रही है। सबसे पहले वहां से जनरेटर को हटाया गया है। होटल से कीमत सामान निकाला जा रहा है। इसके ध्वस्तीकरण का कार्य बहुत ही व्यवस्थित प्रक्रिया में होगा। इसके लिए कई दिन का समय लग सकता है।
होटल मलारी इन को जमींदोश कराने के लिए SDRF ने उसे पूरी तरह के अपने कब्जे में ले लिया है। होटल का पास के सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है। होटल के आस पास से सभी लोगों को हटा दिया गया। होटल गिराने की विरोध करने वालों को आलाधिकारी समझा रहे हैं। उनका कहना है कि फिलहाल खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके इन दोनों होटलों को ही ध्वस्त किये जा रहे हैं। अभी किसी भी घर को नहीं गिराया जा रहा है ।
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इधर नई दिल्ली में जोशीमठ में भूधंसाव मामले को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक की। बैठक में धामी सरकार के अब तक के प्रयासों को सराहा गया है। केन्द्र ने हर संभव सहायता का भरोसा दिलाते हुए 45 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की है। भूधंसाव से प्रभावित लोगों को तत्काल अंतरिम सहायता के रुप में 1.50 लाख रुपये दिये जाएंगे। इसके साथ इन परिवारों को किराये के रुप में 4 हजार रुपये प्रति माह दिया जा रहा है।
हालांकि जोशीमठ के प्रभावित लोग इससे खुश नहीं हैं। इस सहायता राशि को नाकाफी बताते हुए उन्होने सरकार विरोध नारे लगाते हुए प्रदर्शन भी किया। बता दें कि जोशीमठ के गांधीनगर, सिंहधार, मनोहर बाग. सुनील क्षेत्र को असुरक्षित क्षेत्र घोषित किया। यहां करीब 86 घर हैं। जोशीमठ में कुल मिलाकर 723 घरों को खतरनाक घोषित किया गया है। इनमें रहने वाले करीब पांच हजार लोगों को सरकार की ओर से बनाये गये कैंप में सुरक्षित पहुंचा दिया गया है।
इधर दिल्ली में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्य रक्षामंत्री अजय भट्ट बुधवार को जोशीमठ जाकर वहां की स्थिति का जायजा ले चुके हैं। अब यदि जरुरत पड़ी तो मै भी जोशीमठ जाऊंगा। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद पूरे मामले पर नज़र रखे हुए है।
उधर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में आयी इस आपदा से जोशीमठ निवासी इस समय परेशानी में जरुर हैं। लेकिन उन्होने ईश्वर के प्रति आस्था जताते हुए कहा कि हम जल्द ही जोशीमठ के संकट तक विजय पा लेंगे। धामी ने कहा कि सरकार पूरी तरह से प्रभावितों के साथ है। सरकार उनकी सुरक्षा से लेकर उनके खाने-पीने, रहने व दूसरी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। मुख्यमंत्री खुद मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।