मुंबई: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव के मामले में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण मामले में आये सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को झटका लगा है। उधर भाजपा को स्थानीय निकाय चुनाव के लिए ओबीसी मतदाताओं को साधने में सुनहरा मौका मिल गया है। स्थानीय निकाय चुनाव सितंबर-अक्टूबर में होने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पिछडा वर्ग आयोग की उस सिफारिश को रद्द कर दिया था, जिसमें आयोग ने स्थानीय निकाय में 27 फीसदी आरक्षण की दिये जाने की सिफारिश की थी। इसके अलावा दिसम्बर 2021 में महाराष्ट्र सरकार ने ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण संबंधी कानून भी पारित कर दिया था।
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ओबीसी आरक्षण मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने चार मई को आदेश दिया है कि महाराष्ट्र के राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को 11 मार्च को लागू हुए नये नियम से पहले के परिसीमन के अनुसार काम को आगे बढाना चाहिए। कोर्ट के इस आदेश के बाद भाजपा महाराष्ट्र में ओबीसी मतदाताओं को रिझाने के लिए कोई भी राजनीतिक खेल कर सकती है, जिससे एमवीए सरकार की परेशानी बढ सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मसले पर विचार करने के लिए शिव सेना प्रमुख और महाराष्ट्र उद्धव ठाकरे, उप मुख्यमंत्री अजीत पवार, राकांपा मंत्री छगन भुजबल सहित संबंधित आला अफसरों के साथ मीटिंग कर चुके हैं, लेकिन तमाम पहलुओं पर विचार विमर्श करने के बावजूद किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका था।