शिवशक्ति धाम डासनाः महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के सानिध्य में 9 दिवसीय श्रीकृष्ण कथा महोत्सव शुरु
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि धर्म की विवशता और अधर्म की पाश्विकता के संघर्ष में धर्म की विजय के लिये उत्प्रेरक तत्व का नाम श्रीमद्भगवद्गीता है। श्रीमद्भगवद्गीता की व्यापकता को इसी तथ्य से समझा जा सकता है कि श्रीमद्भगवद्गीता के अवतरण के बाद से आज तक जितने भी धार्मिक,आध्यात्मिक व दार्शनिक ग्रन्थ लिखे गए हैं उनमें श्रीमद्भगवद्गीता की छाप बिल्कुल स्पष्ट है।
गाजियाबाद। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता को भुलाने का परिणाम ही एक हजार वर्ष का गुलामी,दमन और शोषण के रूप में झेलना पड़ा। इसलिए श्रीमद्भगवद्गीता का ज्ञान देने के लिए सोमवार से शिवशक्ति धाम डासना में श्रीमद्भगवद्गीता के आधार पर श्रीकृष्ण कथा महोत्सव आरम्भ हुआ।
यति नरसिंहानंद गिरी जी ने कहा कि शिवशक्ति धाम डासना में 17 जनवरी 2023 से 111 दिवसीय माँ बगलामुखी व सहस्त्र चण्डी महायज्ञ चल रहा है। इसी के साथ ही यह श्रीकृष्ण कथा महोत्सव आयोजित किया गया है। इस कथा महोत्सव के मुख्य यजमान सतेंद्र चौहान और उनकी धर्मपत्नी शशि चौहान है।
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श्रीकृष्ण कथा महोत्सव में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व और मानवता के इतिहास में श्रीमद्भगवद्गीता ही एकमात्र ऐसा ग्रन्थ है जो युद्ध के मैदान में अवतरित हुआ है। महाभारत जैसे भयंकर महायुद्ध जिसे टालने के लिये योगेश्वर श्रीकृष्ण ने बहुत प्रयत्न किये। लेकिन तमाम दुष्ट राजसत्ताधारी अपने चाटुकारों की हानिकारक बातों में आकर और अहंकारों से प्रेरित होकर महाविनाश को स्वयं ही आमंत्रण देते हैं। तब सात्विक और धार्मिक शक्तियों को उनसे लड़ना ही पड़ता है।
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि धर्म की विवशता और अधर्म की पाश्विकता के संघर्ष में धर्म की विजय के लिये उत्प्रेरक तत्व का नाम श्रीमद्भगवद्गीता है। श्रीमद्भगवद्गीता की व्यापकता को इसी तथ्य से समझा जा सकता है कि श्रीमद्भगवद्गीता के अवतरण के बाद से आज तक जितने भी धार्मिक,आध्यात्मिक व दार्शनिक ग्रन्थ लिखे गए हैं उनमें श्रीमद्भगवद्गीता की छाप बिल्कुल स्पष्ट है।
उन्होंने यह भी कहा कि आज सारे विश्व के हर विश्वविद्यालय में श्रीमद्भगवद्गीता का पठन पाठन अनिवार्य रूप से होना चाहिये। ताकि सम्पूर्ण विश्व धर्म और अधर्म के अंतर को समझ सके। आज सम्पूर्ण विश्व धर्म और अधर्म के अंतर को भूल चुका है।यदि विश्व इस अंतर को नही समझेगा तो सम्पूर्ण विश्व और मानवता का विनाश सुनिश्चित ही है।
आज कथा के अंत में उन्होंने बताया कि श्रीमद्भगवद्गीता हमें ज्ञान देती है कि धर्म और अधर्म के युद्ध में जो तटस्थ हैं, उन्हें भी अधर्म की ओर ही समझना चाहिये। आज कथा महोत्सव में साधु संतों के साथ मंगल सिंह,बृजमोहन सिंह,अंकुर जावला,सिकंदर शर्मा तथा अन्य लोग उपस्थित थे।