Uttarakhand Soldiers: शहीदों को श्रद्धांजलि, वीरांगनाओं को सम्मान और उत्तराखंड के लिए बड़ी घोषणाएं
देहरादून में कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि और वीरांगनाओं को सम्मानित किया गया। उत्तराखंड के 75 जवानों ने कारगिल युद्ध में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था। सीएम धामी ने सैनिक कल्याण के लिए नई योजनाओं और निर्माण कार्यों की घोषणाएं कीं।
Uttarakhand Soldiers: देशभर की तरह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए भावपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए गए। गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए और उनकी वीरांगनाओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, प्रशासनिक अधिकारी और कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले पूर्व सैनिक भी मौजूद रहे।
कारगिल युद्ध: शौर्य और बलिदान की गाथा
कारगिल युद्ध 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच लगभग दो महीने तक चला, जिसमें भारतीय सेना ने वीरता का अप्रतिम उदाहरण प्रस्तुत करते हुए दुश्मनों को खदेड़ दिया। 26 जुलाई 1999 को यह युद्ध समाप्त हुआ और भारत ने विजय प्राप्त की। इसी उपलक्ष्य में हर साल 26 जुलाई को “कारगिल विजय दिवस” मनाया जाता है। इस युद्ध में भारत के 527 जवान शहीद हुए और 1363 जवान घायल हुए थे। युद्ध की शुरुआत 5 मई को पाकिस्तान द्वारा पांच भारतीय जवानों की हत्या के बाद हुई थी, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने 10 मई से ‘ऑपरेशन विजय’ शुरू किया।
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उत्तराखंड के 75 जवानों ने दी शहादत
कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी। इनमें देहरादून के 25, टिहरी के 12, पौड़ी के 13, नैनीताल के 6, चमोली के 5, रुद्रप्रयाग के 3, अल्मोड़ा के 3, पिथौरागढ़ के 4, बागेश्वर के 2 और उधम सिंह नगर के 2 जवान शामिल थे। उनकी बहादुरी को सलाम करते हुए उन्हें विभिन्न सैन्य सम्मानों से नवाजा गया। इनमें दो जवानों को महावीर चक्र, नौ को वीर चक्र, 15 को सेना मेडल और 11 को मेंशन इन डिस्पैच से सम्मानित किया गया।
सीएम धामी की घोषणाएं
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि वीर जवानों ने जिन उद्देश्यों के लिए बलिदान दिया, उन्हें पूरा करने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है। उत्तराखंड एक सैनिक बाहुल्य राज्य है, और इसलिए सैनिकों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
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ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक और सैनिक विश्राम गृह की सौगात
मुख्यमंत्री ने चमोली जिले के कालेश्वर में एक्स-सर्विसमैन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ECHS) पॉलीक्लिनिक और सैनिक विश्राम गृह बनाने की घोषणा की। इसके साथ ही नैनीताल में भी सैनिक विश्राम गृह का निर्माण किया जाएगा ताकि सेना से सेवानिवृत्त होने वाले जवानों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
पूर्व सैनिकों को मिलेगा विदेश में रोजगार
धामी ने यह भी बताया कि उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड) के माध्यम से अब पूर्व सैनिकों को विदेशों में नौकरी दिलाने की योजना शुरू की जाएगी। इसमें 50 प्रतिशत तक सामान्य नागरिकों को भी शामिल किया जाएगा। वर्तमान में उपनल के माध्यम से लगभग 22,000 लोगों को रोजगार मिला है और उनके नियमितीकरण की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।
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शहीदों के सपनों को करेंगे साकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों की कुर्बानियों को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। उनके द्वारा संजोए गए भारत के सपनों को साकार करने के लिए राज्य और केंद्र सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। सैनिकों और उनके परिजनों की सेवा और सम्मान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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