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Truck union strike ends, transport restored: ट्रक यूनियन की हड़ताल समाप्त, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के आश्वासन पर बहाल हुआ परिवहन

Truck union strike ends, transport restored: कमिश्नर दीपक रावत के साथ बातचीत के बाद ट्रक यूनियन की हड़ताल समाप्त हो गई, और परिवहन सेवाएं फिर से शुरू हो गईं। ट्रक एसोसिएशन अपनी मांगों को लेकर कई दिनों से हड़ताल पर था, जिसका सीधा प्रभाव पहाड़ों की ओर जाने वाले वाहनों की आवाजाही पर पड़ा था।

Truck union strike ends, transport restored: देहरादून: पांच दिनों से चल रही ट्रक यूनियन की हड़ताल आखिरकार कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के साथ वार्ता के बाद समाप्त हो गई है। हड़ताल के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में परिवहन पूरी तरह ठप हो गया था, जिससे दैनिक जीवन और निर्माण कार्यों पर बुरा असर पड़ा। देवभूमि ट्रक ऑनर्स महासंघ की प्रमुख मांगों को लेकर यह हड़ताल की गई थी, जिसमें ओवरलोडिंग, एंट्री शुल्क, ग्रॉस व्हीकल वेट, और खनन रॉयल्टी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल थे।

हड़ताल के कारण ठप हुआ पहाड़ी इलाकों का परिवहन

देवभूमि ट्रक ऑनर्स महासंघ के हड़ताल पर जाने के बाद पहाड़ों पर जाने वाले ट्रकों के पहिए थम गए थे। इससे क्षेत्र में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो गई और खनन व निर्माण कार्य भी प्रभावित हुए। ट्रक यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर शासन-प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रकट किया और जब तक उचित समाधान नहीं निकला, तब तक हड़ताल जारी रखने की चेतावनी दी थी।

कुमाऊं कमिश्नर के साथ ढाई घंटे चली वार्ता

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के साथ महासंघ की करीब ढाई घंटे लंबी वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया कि हड़ताल समाप्त की जाएगी। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश जोशी ने बताया कि कमिश्नर ने उनकी प्रमुख मांगों को लेकर सकारात्मक कदम उठाने का भरोसा दिया है। ओवरलोडिंग पर सख्त कार्रवाई करने और एंट्री शुल्क से जुड़े मामलों का समाधान करने के लिए कमिश्नर ने अधिकारियों को निर्देशित किया है।

Truck union strike ends, transport restored on assurance of Kumaon commissioner Deepak Rawat.

मुख्यमंत्री से दो मुद्दों पर वार्ता का आश्वासन

बैठक में तय हुआ कि ग्रॉस व्हीकल वेट और खनन रॉयल्टी जैसे बड़े मुद्दों पर मुख्यमंत्री से वार्ता कराई जाएगी। इस संदर्भ में कमिश्नर ने मुख्यमंत्री को मामले की गंभीरता से अवगत कराने का आश्वासन दिया है। महासंघ ने इस बात पर भी जोर दिया कि नेशनल परमिट वाले बड़े वाहनों द्वारा पहाड़ों में ओवरलोडिंग पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।

खनन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान

बैठक के दौरान महासंघ ने बागेश्वर और पिथौरागढ़ में खनन से जुड़े ट्रकों की ओवरलोडिंग का मुद्दा भी उठाया। महासंघ ने मांग की कि इन क्षेत्रों में खड़िया और खनन कार्य में लगे ट्रकों पर नियमों के तहत कार्रवाई की जाए। कमिश्नर ने परिवहन विभाग को इस संबंध में सख्त निर्देश दिए।

आरटीओ बैठकों में भागीदारी की मांग

ट्रक यूनियन ने आरटीओ बैठकों में महासंघ के प्रतिनिधियों को शामिल करने की भी मांग की। महासंघ का मानना है कि इससे ट्रक मालिकों की समस्याओं को सीधे शासन के समक्ष रखने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री की सख्त नजर

बैठक के दौरान मंडी परिषद के अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार डब्बू ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने ट्रक मालिकों की सभी जायज मांगों का समाधान करते हुए कानून का पालन सुनिश्चित कराने का आश्वासन दिया।

हड़ताल खत्म होने से राहत

हड़ताल समाप्त होने के बाद अब पहाड़ी क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है। ट्रक यूनियन की इस हड़ताल के खत्म होने से आम जनता और व्यापारियों ने राहत की सांस ली है।

देवभूमि ट्रक ऑनर्स महासंघ के नेतृत्व ने यह स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगों पर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में फिर से आंदोलन किया जा सकता है। फिलहाल, प्रशासन और यूनियन के बीच इस समझौते ने ट्रांसपोर्ट सेक्टर को राहत दी है और पहाड़ी इलाकों की जीवनरेखा को फिर से चालू कर दिया है।

Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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