Trump Penalty on India: गद्दार निकले ट्रंप! दोस्त बोलकर भारत के साथ किया ‘दगाबाजी’, रूस से दोस्ती करने पर ठोक दिया जुर्माना
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार भारत की पीठ में छुरा घोंप दिया है। रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने पर अब भारत को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ट्रंप ने न केवल नया टैरिफ लगाया है, बल्कि 1 अगस्त से भारत सहित रूस के सहयोगी देशों पर पेनाल्टी भी ठोकने का ऐलान कर दिया है।
Trump Penalty on India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को मुश्किल में डाल दिया है। रूस के साथ भारत की ऊर्जा और रक्षा साझेदारी अब अमेरिका के निशाने पर आ गई है। ट्रंप ने न केवल भारत पर नया टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, बल्कि 1 अगस्त से रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने वाले देशों पर पेनाल्टी भी लगाने की घोषणा कर दी है। इस फैसले के बाद भारत की तेल कंपनियों और रक्षा सौदों पर बड़ा असर पड़ना तय माना जा रहा है।
जिस शख्स को भारत में राष्ट्रपति बनवाने के लिए यज्ञ और पूजन तक हुए, वही ट्रंप अब भारत के लिए सबसे बड़े झटके का कारण बन गए हैं। उन्होंने न तो भारत से ट्रेड डील पूरी की और अब टैरिफ और पेनाल्टी का दोहरा वार कर दिया है। भारत और रूस की दशकों पुरानी दोस्ती पर सीधा प्रहार करते हुए ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया कि रूस का साथ देने वालों पर अब अमेरिकी प्रतिबंध लागू होंगे।
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क्या है ट्रंप का नया आदेश?
ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि रूस अगर 50 दिन में यूक्रेन के साथ युद्ध समाप्त नहीं करता तो उसके खिलाफ दूसरे दौर के प्रतिबंध लागू होंगे। अब उन्होंने इस डेडलाइन को घटाकर 15 से 20 दिन कर दिया है। इसके साथ ही घोषणा की है कि रूस से आने वाले निर्यात पर 100% टैरिफ लगेगा। भारत सहित जो देश रूस से तेल या सैन्य उपकरण खरीदेंगे, उन पर पेनाल्टी लगेगी। हालांकि, ट्रंप ने पेनाल्टी की सटीक राशि का खुलासा नहीं किया, लेकिन संकेत साफ हैं कि भारत की तेल और रक्षा खरीद पर इसका बड़ा असर होगा।
भारत पर असर
भारत अपनी कुल ऊर्जा जरूरत का 90% तेल आयात के जरिए पूरा करता है। इसमें से लगभग 40% तेल रूस से आता है।यूक्रेन युद्ध के बाद रूस ने भारत को डिस्काउंट पर क्रूड बेचना शुरू किया, जो अन्य देशों से करीब $8 प्रति बैरल सस्ता पड़ता था। भारतीय रिफाइनरियां, सरकारी और निजी दोनों, इस सस्ते तेल से मुनाफा कमा रही थी। यदि ट्रंप का पेनाल्टी आदेश लागू होता है तो न केवल भारतीय कंपनियों का मुनाफा घटेगा बल्कि घरेलू ईंधन कीमतों पर भी असर दिखेगा।
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भारत-रूस की साझेदारी पर सीधा खतरा
भारत और रूस दशकों से सामरिक साझेदार हैं। भारत की रक्षा तकनीक और हथियारों का बड़ा हिस्सा रूस से आता है। 2022 से पहले भारत का रूस से तेल आयात केवल 0.2% था, लेकिन आज यह 40% के करीब पहुंच चुका है। केंद्रीय तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में कहा था कि भारत तेल आयात को डाइवर्सिफाई कर रहा है और रूस पर निर्भरता कम करने की कोशिश हो रही है, लेकिन यह प्रक्रिया समय लेगी। ऐसे में ट्रंप का यह नया आदेश भारत के लिए चिंता बढ़ाने वाला है।
क्या होगा भारत का अगला कदम?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत को अमेरिकी पेनाल्टी से बचने के लिए वैकल्पिक तेल स्रोत तलाशने होंगे। हालांकि, रक्षा सौदों में रूस जैसा भरोसेमंद साझेदार मिलना फिलहाल मुश्किल है। ट्रंप का यह नया कदम साफ दर्शाता है कि अमेरिकी नीति में बदलाव के बावजूद भारत को अपने हितों की रक्षा के लिए संतुलन बनाना होगा।
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