Tulsi Pooja Tips : ऐसे करें तुलसी पूजन की विधि, इन मंत्रो का करे जाप
हिंदू धर्म में तुलसी (Tulsi) का पौधा न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी माना गया है। ऐसी मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का हरा-भरा पौधा होता है, वहाँ दरिद्रता का वास नहीं होता। अतः, प्रतिदिन (daily) तुलसी पूजन के समय तुलसी जी के मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए।
तुलसी को हिंदू धर्म में केवल एक पौधे के रूप में नहीं देखा जाता, बल्कि इसकी पूजा का विशेष महत्व भी है। तुलसी के पत्तों से लेकर उसकी जड़ और बीज तक सभी गुणों से परिपूर्ण हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस घर में नियमित रूप से विधिपूर्वक तुलसी की पूजा होती है, वहाँ सदैव धन की देवी लक्ष्मी का वास होता है। यदि आप पूजा के दौरान तुलसी के मंत्रों का जाप करते हैं, तो इससे अनेक लाभ प्राप्त हो सकते हैं।
तुलसी जी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन संध्या के समय तुलसी के पौधे के समक्ष घी का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए। इससे तुलसी और मां लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है। विशेष कृपा प्राप्ति के उपरांत, आप तुलसी जी को श्रृंगार सामग्री भी अर्पित कर सकते हैं, जिससे वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
तुलसी जी के मंत्र (Tulsi Mantra)
महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
तुलसी ध्यान मंत्र
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
तुलसी पूजन मंत्र
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
तुलसी नामाष्टक मंत्र
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
तुलसी स्तुति मंत्र
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।