UP Crime News: तोते ने कैसे लिया अपनी मालकिन की हत्या का बदला, इस तरह खोला अपराधी का राज
UP Crime News: How the parrot took revenge for the murder of its mistress, this is how it revealed the secret of the criminal
UP Crime News: पुलिस हत्या के मामलों को सुलझाने के लिए जासूसों तफ्तीश करती है, जासूसों की मदद ली जाती है, लेकिन आगरा में एक मामले में, एक तोते ने घर में छिपे हत्यारे को जेल भेज दिया। तोते की भी मौत उसके मालिक की हत्या के छह महीने बाद हो गई, लेकिन इससे पहले वो मर्डर से जुड़े कई खौफनाक राज खोलकर गया।
पत्नी की हत्या के समय हत्यारा घर के अंदर ही छिपा हुआ था, लेकिन वह इतना चालाक था कि उसने कोई निशान नहीं छोड़ा। खून के धब्बे साफ कर दिए गए थे, उंगलियों के निशान मिटा दिए गए थे। यहां तक की घर के कुत्ते को भी बेरहमी से मार दिया गया था, लेकिन घर में कत्ल के वक्त कोई और भी मौजूद था और वो था महिला का तोता। इस तोते ने अपनी मालकिन से वफादारी निभाई और घर में छुपे कातिल को सलाखों के पीछे पहुंचाया।
तोते ने खोले इस तरह खोले कत्ल के राज
विजय शर्मा अपनी पत्नी नीलम, बेटे, बेटी और पिता आनंद शर्मा के साथ आगरा में एक सुंदर, विशाल घर में रहते थे। विजय को फिरोजाबाद में एक शादी में शामिल होना था। विजय ने अपने बेटे और बेटी को भी साथ चलने के लिए कहा। शाम को तीनों फिरोजाबाद के लिए निकलदिला गए। अब घर पर सिर्फ नीलम और उनके ससुर आनंद शर्मा मौजदू थे। नीलम अपने कमरे में सोने चली गई और उनके ससुर भी थोड़ी देर में जाकर अपने रूम में सो गए।
रात में हुआ महिला का कत्ल
आधी रात को कोई अंदर आया और सीधे नीलम के चैंबर में गया। आते ही उसने नीलम पर धारदार हथियार से हमला कर उसे मार डाला। इसी बीच घर में कुत्ते ने ये कत्ल होते हुए देख लिया था। कातिल ने उसी धारदार हथियार से उस कुत्ते पर भी हमला कर दिया और फिर रात के अंधेरे में ही ये हत्यारा फरार हो गया। एक रात में इस घर की तस्वीर बदल चुकी थी। घर की मालिकन और कुत्ता दोनों की डेड बॉडी घर के अंदर थी।
रात में घर में हत्या हो गई, लेकिन आनंद शर्मा नहीं जागे। सुबह उठे तो घर की हालत देखकर उनके होश उड़ गए। विजय शर्मा को फोन किया गया और फिर थोड़ी ही देर में विजय और उनके दोनों बच्चे घर आ चुके थे। मां की लाश देखकर बच्चे फूट-फूटकर रोने लगे। उन्हें लग रहा था कि काश वो पिता के साथ न गए होते तो आज उनकी मां का कत्ल नहीं हुआ होता।
आंखों में बसी कातिल की फोटो
घर में तोता विजय और बच्चों को देखते ही जोर-जोर से रोने लगा। नीलम ने ही इस तोते को पाला था। उसे अपनी मालकिन से बहुत लगाव था। नीलम अक्सर तोते से बातें भी करती थी। नीलम को डॉग और तोते दोनों से ही बेहद प्यार था। कत्ल वाली रात नीलम को बचाने के लिए उनका कुत्ता सामने आया जिसके बाद उसको भी मार दिया गया था, लेकिन कातिल का ये ध्यान ही नहीं गया तोता भी सबकुछ देख रहा था।
पुलिस ने इमारत को अपने कब्जे में ले लिया। हालाँकि जाँच शुरू हो गई थी, लेकिन घर से कोई सुराग नहीं मिल रहा था। पुलिस को कई लोगों पर शक था, लेकिन सबूत के बिना कुछ नहीं किया जा सकता था। विजय शर्मा पत्नी की मौत से बेहद दुखी थे। तोता लगातार विजय को कुछ बताने की कोशिश कर रहा था। हालांकि मालकिन की मौत के बाद वो काफी शांत हो गया था, लेकिन कत्ल की बात पर वो चिल्लाने लगता था। इसी बीच घरवालों के मुंह से तोते ने आशू का नाम सुना। तो वो भी उस नाम पर जोर-जोर से चिल्लाने लगा। तोता ये बताने के कोशिश कर रहा था कि आशू ने किया है मालकिन का कत्ल।
‘आशू हत्यारा है, आशू हत्यारा है’
यह आशु कौन था जिसके बारे में परिवार बात कर रहा था और क्या नीलम की हत्या वास्तव में इसी आशु ने की थी? उन्होंने पुलिस को फोन किया। विजय शर्मा के अनुसार, तोता हत्या में आशु का नाम इस्तेमाल कर रहा था। दरअसल आशू विजय की बहन का बेटा था। आशुतोष गोस्वामी उसका पूरा नाम था। तोते ने जब अधिकारियों को इसकी जानकारी दी तो आशुतोष को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पुलिस की सख्ती के सामने वह लगातार इनकार करने के बाद आखिरकार टूट गया। आशू ने कबूल किया अपना जुर्म। उसने बताया कि उस रात उसने ही अपनी मामी का कत्ल किया था। उनका कुत्ता सामने आया तो उसने उसे भी मार डाला।
तोते की गवाही ने दिलाई सजा
आशु अक्सर उस घर पर आता-जाता था क्योंकि वह उसका रिश्तेदार था। उसे पता था कि घर में ढेर सारा पैसा और गहने हैं। उसे ये भी पता था कि उस रात विजय शर्मा और बच्चे घर पर नहीं होंगे। ऐसे में कत्ल करना ज्यादा आसान होगा। बस इसी लूट के इरादे से उसने घर में घुसकर अपनी मामी को मौत के घाट उतार दिया। उसने सारे सबूत भी मिटा दिए, लेकिन उसे नहीं पता था नीलम का प्यारा तोता उसको सलाखों के पीछे पहुंचा देगा।
इतने साल बाद कातिल को मिली उम्र कैद की सजा
इस केस की सुनवाई कई सालों तक चली। हालाँकि आशु के खिलाफ़ ज़्यादा सबूत नहीं थे, लेकिन कोर्ट ने तोते की गवाही पर भरोसा किया और कई सालों के बाद आशुतोष को आख़िरकार उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई। नीलम की मौत के बाद से तोता काफी दुखी रहने लगा था। वो बस कातिल के नाम पर चिल्लाता था। करीब 6 महीने बाद ही इस तोते की भी मौत हो गई थी, लेकिन मरने से पहले उसने अपनी वफादारी निभाई थी।