UP News: मुख्य सचिव ने मण्डलायुक्तों व जिलाधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश
UP News: Chief Secretary gave necessary guidelines to Divisional Commissioners and District Magistrates
UP News: मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग (video confrencing) के जरिए समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों (Divisional Commissioners and District Magistrates) को छठ पूजा, पराली, धान खरीद आदि के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के दौरान घाटों की सफाई, सुरक्षा व स्वच्छता के संबंध में दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पूजा समितियों के साथ बैठक कर छठ घाटों की तैयारियां समय पर पूरी कर ली जाएं। यह सुनिश्चित किया जाये कि छठ पूजा के दौरान नदियों, तालाबों व जलस्रोतों का जल स्वच्छ हो और ठोस अपशिष्ट का प्रवाह न हो।
उन्होंने कहा कि निकायों के द्वारा घाट के पास पर्याप्त मात्रा में स्नान घर, मोबाइल टॉयलेट, पोर्टेबल टॉयलेट, पेयजल व चेंजिंग रूप की व्यवस्था होना चाहिये। इससे सम्बन्धित संदेश बोर्ड भी स्थल पर स्थापित किये जायें। लोगों को प्लास्टिक कैरीबैग के स्थान पर जूट बैग अथवा कपड़े का बैग आदि के इस्तेमाल के लिये प्रेरित किया जाये।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ छठ पूजा के लिये हरे और नीले रंग के कूड़ेदान को घाटों के आस-पास रखा जाये। घाट स्थलों के आस-पास स्वच्छता एवं साफ-सफाई के सम्बन्ध में जागरूकता सम्बन्धी निर्देश बोर्ड लगाये जाये। निकायों द्वारा दिन में न्यूनतम दो बार घाटों की समुचित साफ-सफाई की व्यवस्था करायी जाये।
उनके अनुसार, घाटों पर पर्याप्त सुरक्षा उपाय होने चाहिए तथा छठ पूजा स्थलों और पहुंच मार्गों पर सभी स्ट्रीट लाइटें चालू होनी चाहिए। सुरक्षा के दृष्टिकोण से घाटों पर आवश्यकतानुसार बैरिकेडिंग की जाये। आकस्मिक स्थिति के लिये अस्पतालों में बेड आरक्षित रखे जायें। छठ पूजा (chhat puja) स्थलों, तालाबों, घाटों पर आवश्यकतानुसार कुशल तैराक व गोताखोर की व्यवस्था जन सहयोग (Volunteer, voluntary organization, trade body, industry body) के माध्यम से सुनिश्चित की जाये।
उन्होंने कहा कि पूजा स्थलों के निकट पार्किंग की व्यवस्था रहे। घाटों के आसपास आतिशबाजी नहीं होनी चाहिये। सीसीटीवी व ड्रोन के माध्यम से निगरानी रखी जाये। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा भी पूजा स्थलों का निरीक्षण किया जाये।
उन्होंने डीएपी के सम्बन्ध में कहा कि आलू उत्पादन करने वाले क्षेत्रों में डीएपी की मांग बढ़ेगी। मांग के सापेक्ष डीएपी प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसको देखते हुए कृषि एवं सहकारिता विभाग को डीएपी का वितरण करना चाहिए। उर्वरकों के मामले में संवेदनशील जिलों पर कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए। कहीं से भी कालाबाजारी या तस्करी की शिकायत नहीं आनी चाहिए।
पराली जलने की घटनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को सतर्क रहने की जरूरत है। जिन जनपदों में पराली जलने की घटनायें अधिक हो रही हैं, वहां लोगों को पराली न जलाने के लिये अधिक से अधिक जागरूक किया जाये। इसके बावजूद न मानने पर सम्बन्धित लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की जाये।
उन्होंने कहा कि धान की खरीद के लिये क्रय केन्द्रों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। क्रय केन्द्रों पर धान बिक्री करने आने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिये। समयावधि के भीतर किसानों का भुगतान किया जाये।
बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से पुलिस महानिदेशक श्री प्रशांत कुमार तथा कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग, अपर मुख्य सचिव गृह श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री महेन्द्र प्रसाद अग्रवाल, प्रमुख सचिव कृषि श्री रवीन्द्र, प्रमुख सचिव पंचायतीराज श्री नरेन्द्र भूषण, सचिव कृषि श्री अनुराग यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।