लखनऊ। यूपी विधानसभा मानसून सत्र के चौथे दिन बृहस्तपतिवार को नया एतिहास रचा गया। आज सिर्फ़ महिला विधायकों का दिन था। विधानसभा स्पीकर सतीश महाना ने महिला विधायकों की ही अपनी बात सदन में रखने का विशेष अधिकार दिया। हालांकि सदन ने पुरुष विधायक भी रहें, लेकिन बृहस्तपतिवार को केवल महिला विधायक ही बोलीं।
सदन में महिला विधायकों का विशेष दिन
यूपी विधानसभा के इतिहास में महिला विधायकों का विशेष दिन ऐसा पहली बार सुरक्षित हुआ है। मानसूत्र सत्र के चौथे दिन 47 महिला विधायकों को ही बोलने का विशेषाधिकार दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुरोध पर आज महिला विधायक को ही पीठासीन अधिकारी बनाया गया।
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महिला विधायकों को विधान सभा में बोलने का लिए समय सीमा तय थी। उन्हें कम से कम तीन मिनट और अधिकतम आठ मिनट दिये गये। वे इस अवधि में सदन में महिला विधायकों ने अपना बात रखी। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी ने महिलाओं को सम्मान देने की भारतीय परपंरा का जिक्र किया।
योगी ने कहा- महिलाओं का देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान
योगी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र पुराना है। महिलाओं ने हमेशा ही देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इससे राजनीति भी अछूती नहीं रही।
योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में महिलाओं के लिए चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और बालिका के कल्याण, सरंक्षण के लिए योजनाओं का उल्लेख किया।
वर्तमान में विस में हैं 47 महिला विधायक
बता दें कि 403 विधायकों वाली यूपी विधानसभा में इस समय 47 महिला विधायक हैं। विधान परिषद में 6 महिला है। महिला विधान परिषद सदस्यों सहित कुल मिलाकर प्रदेश में 53 महिला विधायक हैं। विधानसभा में दो महिला विधायक ऐसे हैं, जो छठी बार विधायक चुनी गयी हैं।
दो महिला विधायक छठीं बार विधायक बनीं
इन महिला विधायकों में विमला राकेश और बेना वाई शामिल हैं। इनके अलावा विधायक शकुंतला देवी, शारदा देवी, राजपत देवी, प्रेमलता कटियार और गुलाबो देवी पांचवीं बार विधान सभा में पहुंची हैं। चंदौसी की विधायक चुनी गयीं गुलाबो देवी वर्तमान योगी सरकार में मंत्री हैं। इससे पहले भी वह उप्र सरकार में मंत्री रह चुकी हैं।