Trump Tariff Policy: ट्रंप की टैरिफ नीति के खिलाफ अमेरिकी राज्यों की कानूनी मोर्चाबंदी तेज़
अमेरिका के 12 राज्यों ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को असंवैधानिक बताते हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय में याचिका दायर की है। राज्यों का कहना है कि यह नीति कानूनी अधिकारों के दायरे से बाहर और आर्थिक रूप से नुकसानदायक है। याचिका में अदालत से टैरिफ नीति को अमान्य घोषित करने की मांग की गई है।
Trump Tariff Policy: अमेरिका के 12 राज्यों ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को असंवैधानिक करार देते हुए इसे चुनौती देने के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय में याचिका दाखिल की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि ट्रंप द्वारा लागू की गई टैरिफ नीतियां संविधान में निर्धारित प्रक्रिया और अधिकारों का उल्लंघन हैं और उनका आधार निजी राजनीतिक इच्छाएं थीं।
राज्यों की याचिका में कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ लागू करते समय आवश्यक कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया और ये फैसले एकतरफा तथा असंवैधानिक हैं। राज्यों की मांग है कि न्यायालय इन टैरिफों को अमान्य घोषित करे और संबंधित सरकारी एजेंसियों को इन्हें लागू करने से रोके।
Latest ALSO New Update Uttar Pradesh News, उत्तराखंड की ताज़ा ख़बर
संवैधानिक अधिकारों का सवाल
याचिका में यह तर्क दिया गया है कि टैरिफ लगाने का संवैधानिक अधिकार केवल अमेरिकी कांग्रेस को प्राप्त है। राष्ट्रपति सिर्फ आपातकालीन परिस्थितियों में ही इसका उपयोग कर सकते हैं—जैसे कि देश को कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय खतरा हो। लेकिन ट्रंप की टैरिफ नीति में ऐसा कोई आपातकालीन आधार नहीं था, जिससे यह नीति असंवैधानिक मानी जा सकती है।
राज्यों ने आरोप लगाया कि इस नीति ने घरेलू और वैश्विक व्यापार को प्रभावित किया है, जिससे देश की आर्थिक स्थिरता को नुकसान हुआ है। व्यापार में असंतुलन आने से आयात-निर्यात प्रभावित हुआ और राज्यों को अरबों डॉलर के नुकसान का सामना करना पड़ा।
सामूहिक कानूनी कार्रवाई में शामिल राज्य
ओरेगन, एरिज़ोना, कोलोराडो, कनेक्टिकट, डेलावेयर, इलिनोइस, मेन, मिनेसोटा, नेवादा, न्यू मैक्सिको, न्यूयॉर्क और वर्मोंट—इन 12 राज्यों ने मिलकर यह याचिका दायर की है। इन सभी के अटॉर्नी जनरल्स ने एकमत से कहा कि इस नीति ने आम जनता और छोटे व्यवसायों पर अनावश्यक कर का बोझ डाला है।
पढ़े : हमले में निर्दोष लोगों की हत्या करने वालों की हुई पहचान, सैनिकों का ट्रिगर मौत की सज़ा के लिए तैयार
राजनीतिक और आर्थिक प्रतिक्रियाएं
एरिज़ोना की अटॉर्नी जनरल क्रिस मेयस ने इस नीति को ‘आर्थिक रूप से विनाशकारी और गैरकानूनी’ बताया। वहीं, कनेक्टिकट के अटॉर्नी जनरल विलियम टोंग ने कहा कि यह नीति उनके राज्य के परिवारों और व्यवसायों पर एक अतिरिक्त वित्तीय दबाव है।
पूर्व की कार्रवाई और प्रतिक्रिया
इससे पहले कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम ने भी इसी मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि टैरिफ नीति उनके राज्य को भारी आर्थिक क्षति पहुंचा रही है।
पढ़े ताजा अपडेट: Newswatchindia.com: Hindi News, Today Hindi News, Breaking
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता कुश देसाई ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पूर्व प्रशासन ने अमेरिकी उत्पादकों और उद्योगों की रक्षा के लिए ये कदम उठाए थे, और टैरिफ नीति देशहित में बनाई गई थी।
अमेरिका में टैरिफ नीति को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच कानूनी टकराव तेज हो गया है। यह मामला अब न्यायपालिका के समक्ष है, जहां से यह तय होगा कि ट्रंप की टैरिफ नीति संवैधानिक है या नहीं। आने वाले समय में यह निर्णय अमेरिकी व्यापारिक नीतियों की दिशा तय कर सकता है।
Follow Us: हिंदी समाचार, Breaking Hindi News Live में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels। FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। Twitter।NEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV