Uttar Pradesh News: अयोध्या का लाल, देश का वीर सपूत…लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने दोस्त के लिए दी जान, सिक्किम में हुए शहीद!
भारत के सिक्किम बॉर्डर पर तैनात भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी एक ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए. उनका पार्थिव शरीर आज अयोध्या पहुंचेगा. जहाँ उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार सरयू के तट पर किया जाएगा.
Uttar Pradesh News: दिल दहला देने वाली खबर, लेकिन गर्व से भर देने वाली! अयोध्या की माटी से जन्मा एक और शेर, लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी, देश सेवा के सर्वोच्च कर्तव्य को निभाते हुए सिक्किम में शहीद हो गया. उन्होंने अपनी जान पर खेलकर एक साथी जवान की जिंदगी बचाई, और इस वीरता की मिसाल कायम करते हुए खुद मौत को गले लगा लिया. आज उनका पार्थिव शरीर अयोध्या पहुंचेगा, जिसके बाद कल, शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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जानकारी के मुताबिक ऑपरेशनल गश्त पर थे 23 साल के जांबाज लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी. अचानक उनका एक साथी जवान उफनती नदी में जा गिरा. पानी का बहाव ऐसा कि कोई सोच भी न सके, जवान बहने लगा… लेकिन शशांक ने एक पल भी नहीं सोचा! मौत के मुंह से खींचकर अपने दोस्त को बाहर निकाला, पर इस बहादुरी की कीमत उन्होंने अपनी जान देकर चुकाई.
अयोध्या पहुंचा शहीद का पार्थिव शरीर
पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई है, लेकिन हर आंख में गर्व भी है. आज देर रात एयरक्राफ्ट के जरिए लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी का पार्थिव शरीर अयोध्या पहुंचेगा.
कल होगा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
शशांक के पिता, जो मर्चेंट नेवी में अफसर हैं और इस वक्त अमेरिका में तैनात हैं, आज देर रात भारत पहुंचेंगे. इसके बाद कल यानी शनिवार को अयोध्या के माझा जमथरा श्मशान घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ वीर सपूत का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
इकलौता बेटा, एक ही बहन
शशांक अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे. उनकी एक बहन दुबई में रहती हैं. परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, लेकिन इस बात का भी संतोष है कि उनके बेटे ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया.
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NDA का सपना पूरा किया
अयोध्या के थाना कैंट क्षेत्र के मझवां गद्दोपुर के रहने वाले शशांक बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल थे. उन्होंने पहले ही प्रयास में NDA क्वालीफाई किया था. 2019 में उनका सिलेक्शन हुआ और पिछले साल ही उन्हें कमीशन मिला था. उनकी पहली पोस्टिंग सिक्किम में ही थी.
2024 में की थी आर्मी जाॅइन
शशांक ने 17 दिसंबर 2024 को सेना में ज्वाइनिंग दी थी. उनका सिर्फ एक ही सपना था – वर्दी पहनकर मातृभूमि की रक्षा करना. आज उन्होंने यह सपना अपनी जान की आहुति देकर पूरा किया. उनके मामा ने बताया कि शशांक हमेशा पढ़ाई में तेज रहा, उसकी प्रारंभिक शिक्षा जिंगल बेल स्कूल से हुई और 2019 में उसने जेबीए एकेडमी से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की.
पूरे गांव में शोक, पर गर्व से सीना चौड़ा
गांव और पूरे जिले में मातम पसरा है, लेकिन साथ ही एक सच्चा हीरो खोने का गर्व भी है. गांव वालों का कहना है, “हमारे बीच से एक सच्चा हीरो निकला है!”
लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी… यह नाम अब हमेशा के लिए अमर हो गया है. उनका बलिदान हमें याद दिलाता रहेगा कि देश की सेवा में प्राण न्योछावर करने वाले वीरों की भूमि है यह भारत! शशांक तिवारी को कोटि-कोटि नमन!
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