BlogSliderउत्तराखंडट्रेंडिंगप्राचीनराज्य-शहर

Biodiversity Research: उत्तराखंड को मिला पहला साइकैड संरक्षण उद्यान, जैव विविधता संरक्षण में एक नई पहल

उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र ने हल्द्वानी में राज्य का पहला साइकैड उद्यान स्थापित किया है, जो जैव विविधता और संकटग्रस्त वनस्पतियों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह उद्यान जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) के सहयोग से दो एकड़ में विकसित किया गया है। यहाँ साइकैड्स की 31 प्रजातियों को संरक्षित किया गया है, जिनमें से 17 संकटग्रस्त श्रेणी में आती हैं।

Biodiversity Research: उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र ने जैव विविधता और संकटग्रस्त वनस्पतियों के संरक्षण के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। हल्द्वानी में राज्य का पहला साइकैड उद्यान स्थापित किया गया है, जो न केवल दुर्लभ वनस्पतियों के संरक्षण में सहायक होगा, बल्कि पर्यावरणीय शोध के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। यह उद्यान उन वनस्पतियों को संरक्षित करेगा जो विलुप्ति के कगार पर हैं और पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं

यह विशेष उद्यान जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) के सहयोग से विकसित किया गया है। यह उद्यान दो एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है और इसे उत्तर भारत में इस तरह के दूसरे संरक्षण स्थल के रूप में विकसित किया गया है। इससे पहले ऐसा उद्यान राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (NBRI), लखनऊ में स्थापित किया गया था।

पढ़ें : उत्तराखंड में उच्च शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव, विश्वविद्यालयों को मिली ज्यादा जिम्मेदारी, शासन करेगा निगरानी

उत्तराखंड का गौरव: संकटग्रस्त प्रजातियों का संरक्षण

हल्द्वानी स्थित इस साइकैड उद्यान में 31 प्रकार की साइकैड प्रजातियां संरक्षित की गई हैं, जिनमें से 17 प्रजातियां संकटग्रस्त की श्रेणी में आती हैं। भारत में साइकैड की कुल 14 प्रजातियां पाई जाती हैं और उनमें से कई प्रमुख प्रजातियां जैसे साइकस एंडमानिका, साइकस बेडोमी, साइकस जेलेनिका, साइकस पेक्टिनाटा और साइकस सिरसनलिस इस उद्यान में मौजूद हैं।

उत्तराखंड वन अनुसंधान के मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी के अनुसार, साइकैड पौधों को “जीवित जीवाश्म” के रूप में जाना जाता है क्योंकि इनकी उत्पत्ति डायनासोर युग यानी मेसोजोइक युग से मानी जाती है। यह पौधों का एक अत्यंत प्राचीन समूह है, जो वर्तमान समय में भी पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रहा है।

अनुसंधान और अध्ययन के लिए अनूठा केंद्र

इस साइकैड उद्यान की स्थापना का एक प्रमुख उद्देश्य संकटग्रस्त पौधों के संरक्षण के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करना भी है। यह स्थान अनुसंधानकर्ताओं और छात्रों को साइकैड्स की संरचना, वृद्धि और पारिस्थितिकी पर अध्ययन करने के लिए अवसर प्रदान करेगा।

Latest ALSO New Update Uttar Pradesh Newsउत्तराखंड की ताज़ा ख़बर

साइकैड्स की धीमी वृद्धि दर और सीमित प्रजनन क्षमता के बावजूद ये लंबे समय तक जीवित रहते हैं। इनके पत्तों, बीजों और तनों में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिनका उपयोग पारंपरिक चिकित्सा, आहार और सांस्कृतिक अनुष्ठानों में होता रहा है। हालांकि, इनकी सजावटी विशेषताओं के चलते इनका अत्यधिक दोहन हुआ है, जिससे ये प्रजातियां संकट में आ गईं।

पर्यावरण संतुलन में निभाते हैं विशेष भूमिका

साइकैड पौधे न केवल पारिस्थितिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं बल्कि ये मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखते हैं। ये पौधे अपने चारों ओर की मिट्टी में नाइट्रोजन और कार्बन की संतुलित मात्रा बनाए रखते हैं, जिससे मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को बढ़ावा मिलता है और पर्यावरणीय संतुलन बना रहता है।

पढ़े ताजा अपडेटNewswatchindia.comHindi NewsToday Hindi News, Breaking

वन विभाग की सराहनीय पहल

संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि यह उद्यान न केवल संकटग्रस्त वनस्पतियों का घर बनेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने का भी माध्यम बनेगा। इस पहल से भविष्य में और भी कई दुर्लभ वनस्पतियों के संरक्षण की दिशा में कार्य किए जाने की संभावना है।

हल्द्वानी में स्थापित यह साइकैड उद्यान उत्तराखंड की जैव विविधता को संरक्षित रखने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। यह केवल एक वनस्पति उद्यान नहीं, बल्कि एक शैक्षणिक और पर्यावरणीय जागरूकता का केंद्र भी है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रकृति के संरक्षण की प्रेरणा देगा।

Political News: Find Today’s Latest News on PoliticsPolitical Breaking News, राजनीति समाचार, राजनीति की खबरे from India and around the World on News watch india.

Follow Us: हिंदी समाचारBreaking Hindi News Live  में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुडलाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें  हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। TwitterNEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV

news watch india
Team News Watch India

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button