Uttarakhand Health Update: उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था: 2024 में किए गए बड़े सुधार
Uttarakhand Health Update:2024 में उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं में कई सुधार किए गए, जैसे डॉक्टर्स की बर्खास्तगी और नई नियुक्तियां, अस्पतालों में शुल्क घटाना, और विशेषज्ञ डॉक्टर्स की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाना। 108 एंबुलेंस सेवा में सुधार, नए अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों का निर्माण, और 2800 नर्सेस की भर्ती भी की गई। भविष्य में, इमरजेंसी ट्रॉमा केयर नेटवर्क और महिला सुरक्षा के लिए नई योजनाएं लागू की जाएंगी। इन सुधारों से राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा।
Uttarakhand Health Update: स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में कदम उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं, खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में। इन इलाकों से कई बार ऐसी मार्मिक तस्वीरें सामने आईं जिनमें स्वास्थ्य विभाग कटघरे में खड़ा नजर आया। हालांकि, साल 2024 स्वास्थ्य विभाग के लिए खास साबित हुआ। इस वर्ष स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने और सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।
स्वास्थ्य सुविधाओं के तीन प्रमुख स्तंभ स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए तीन चीजें बेहद महत्वपूर्ण हैं – इंफ्रास्ट्रक्चर, इक्विपमेंट, और मैनपॉवर। उत्तराखंड सरकार ने इन बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया है। स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार ने बताया कि 2024 में लिए गए फैसले स्वास्थ्य सेवाओं को धरातल पर सुधारने में सहायक होंगे।
लापता डॉक्टर्स पर कार्रवाई
राज्य में डॉक्टर्स की कमी एक गंभीर समस्या है। इसके बावजूद 158 डॉक्टर्स ऐसे भी थे जो लंबे समय से सरकारी अस्पतालों से अनुपस्थित थे। स्वास्थ्य विभाग ने इन डॉक्टर्स को नोटिस भेजा और जवाब न मिलने पर बर्खास्त कर दिया। इन पदों पर नई नियुक्तियां की जाएंगी ताकि जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
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रजिस्ट्रेशन शुल्क में कटौती उत्तराखंड के राजकीय अस्पतालों में मरीजों को राहत देने के लिए ओपीडी और आईपीडी रजिस्ट्रेशन शुल्क में कमी की गई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी शुल्क 13 से घटाकर 10 रुपए और आईपीडी शुल्क 17 से घटाकर 15 रुपए कर दिया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में भी शुल्क कम किए गए हैं।
विशेषज्ञ डॉक्टर्स की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाई गई विशेषज्ञ डॉक्टर्स की कमी को देखते हुए उनकी सेवानिवृत्ति आयु सीमा 60 से बढ़ाकर 65 साल कर दी गई है। यह व्यवस्था स्वैच्छिक होगी और डॉक्टर्स 65 साल तक अपनी सेवाएं दे सकेंगे। इससे विशेषज्ञ डॉक्टर्स की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में एकरूपता मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों के यूजर चार्जेज़ को एक समान कर दिया गया है। यह व्यवस्था 1 जनवरी 2025 से लागू होगी। नए चार्जेज़ के अनुसार, ओपीडी शुल्क 20 रुपए, आईपीडी शुल्क 50 रुपए, और अन्य सेवाओं जैसे एमआरआई और सीटी स्कैन के शुल्क भी तय किए गए हैं।
108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा में सुधार
108 एंबुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम को घटाकर पर्वतीय क्षेत्रों में 20 मिनट और मैदानी क्षेत्रों में 12 मिनट किया गया है। समय पर सेवा न मिलने पर जुर्माना भी बढ़ा दिया गया है। वर्तमान में 272 एंबुलेंस राज्य में संचालित हो रही हैं।
नए अस्पताल और कॉलेजों का निर्माण हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और कक्षाएं शुरू हो गई हैं। हल्द्वानी में 200 बेडेड मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल और हर्रावाला में 300 बेडेड कैंसर अस्पताल के काम में तेजी लाई गई है। पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज को फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिल चुका है। तीन नए नर्सिंग कॉलेज – पिथौरागढ़, रुद्रपुर और हरिद्वार में बनाए जा रहे हैं।
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सिटी स्कैन और एनएबीएच मान्यता वर्ल्ड बैंक पोषित उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत 5 जिला अस्पतालों में सिटी स्कैन सुविधा शुरू की गई है। पांच जिला अस्पतालों को एनएबीएच मान्यता भी दी गई है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
डॉक्टर्स और नर्सेस की नई भर्तियां स्वास्थ्य विभाग ने 2800 नर्सेस और 400 एएनएम की नियुक्ति की है। इसके अलावा 276 डॉक्टर्स की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है, जिसमें अधिकतर विशेषज्ञ डॉक्टर्स शामिल हैं।
महत्वपूर्ण फैसले और योजनाएं
- एम्स ऋषिकेश से एयर एंबुलेंस सेवा शुरू की गई।
- शवों को भेजने की व्यवस्था बेहतर बनाई गई।
- अस्पतालों में खड़ी कंडम गाड़ियों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई।
- मरीजों के साथ एक तामीरदार को रुकने की अनुमति दी गई।
- टेलीमेडिसिन के लिए देश के बड़े अस्पतालों के साथ एमओयू किया गया।
भविष्य की योजनाएं प्रदेश में इमरजेंसी ट्रॉमा केयर नेटवर्क विकसित करने और अस्पतालों में महिला सुरक्षा के लिए नई एसओपी तैयार की गई है। हल्द्वानी स्थित स्वामी राम कैंसर हॉस्पिटल का विस्तार और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब की शुरुआत की गई है।
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उत्तराखंड सरकार द्वारा लिए गए ये फैसले राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को एक नई दिशा में ले जाने की क्षमता रखते हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर, मैनपॉवर और इक्विपमेंट पर ध्यान देकर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की यह पहल सराहनीय है।