Uttarakhand News: उत्तराखंड के चमोली में कंधे पर बुजुर्ग महिला, राह खतरनाक
Uttarakhand News: उत्तराखंड में बारिश ने पहाड़ पर जीवन दुश्वार कर दिया है। और उस पर सिस्टम की लापरवाही हालात को और खतरनाक बना रही है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला है चमोली के ऐरठा गांव में। जहां ग्रामीण एक बीमार बुजुर्ग महिला को डंडी कंडी के सहारे बेहद जोखिम भरे रास्ते से 5 किलोमीटर का सफर तय कर अस्पताल ले गए। ऐरठा गांव की ऐसी हालत पर विपक्षी कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है।
उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन ने भारी तबाही हुई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से राहत पहुंचाने और क्षतिग्रस्त मार्गों को दुरुस्त करने के कड़े निर्देश दिए हैं। लेकिन राज्य के कई इलाकों में बारिश से खराब सड़कों के कारण अभी भी जनजीवन खतरों से जूझ रहा है।कुछ ऐसी ही खतरनाक हालात हैं चमोली जिले के ऐरठा गांव में।जहां गांव की एक बीमार बुजुर्ग महिला को अस्पताल ले जाने के लिए ग्रामीणों ने 5 किलोमीटर का बेहद जोखिम भरा रास्ता तय किया। कंडी के सहारे तो कभी कंधे पर लादकर ग्रामीणों ने रास्ता पार किया। ग्रामीणों के वायरल वीडियो में साफ दिखा कि बेहद संकरे और खतरनाक रास्ते पर ग्रामीणों की जान कितने खतरे में रही। गांव से मुख्य मार्ग के लिए सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीण इस वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करते हैं जो वन विभाग के अधीन आता है।लेकिन बार-बार इसकी खस्ता हालत की ओर ध्यान दिलाने के बावजूद विभाग ने रास्ते की मरम्मत नहीं कराई है। लिहाजा ग्रामीण मजबूरी में किसी तरह जान हथेली पर रखकर इस रास्ते से गुजर रहे हैं। ऐरठा वासियों की इस हालत पर विपक्षी कांग्रेस ने सरकार को घेरा है। कांग्रेस का कहना है कि विकास के झूठे दावे करती डबल इंजन सरकार की हकीकत ऐरठा के हालात बयान कर रहे हैं।वहीं BJP का कहना है कि सरकार राज्य के गावों के हालात सुधारने पर गंभीर है और जहां भी समस्या है उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
ऐरठा गांव की तस्वीर उत्तराखंड के पहाड़ पर बसे सैंकड़ों गांवों के हालात की एक बानगी है। जहां जीवन चल तो रहा है लेकिन मौत के खतरों से हर रोज दो चार होता हुआ। ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि सूबे की डबल इंजन सरकार के विकास की रोशनी कब इन गांवों तक पहुंचेगी। और परेशान ग्रामीणों की नहीं सुनने वाले विभागों के अधिकारियों पर क्या कार्रवाई होगी।