Uttarakhand Pollution Control Board: उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 49 होटलों को जारी किए नोटिस, होटल स्वामियों में मचा हड़कंप
Uttarakhand Pollution Control Board: Uttarakhand Pollution Control Board issued notices to 49 hotels, created panic among hotel owners
Uttarakhand Pollution Control Board: उत्तराखंड पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूईपीसीबी) के क्षेत्रीय कार्यालय ने नैनीताल, चंपावत और अन्य जिलों के होटल स्वामियों को पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन पर कड़ा कदम उठाते हुए नोटिस जारी किए हैं। बोर्ड ने यह कार्रवाई होटलों द्वारा अनिवार्य पर्यावरणीय मानकों का पालन न करने और बिना सहमति के संचालन करने के कारण की है। इस नोटिस के बाद होटल स्वामियों के बीच हड़कंप मच गया है और कई होटल मालिक इस कार्यवाही से चिंतित नजर आ रहे हैं।
चंपावत के 49 होटलों को नोटिस
उत्तराखंड पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अनुराग नेगी ने बताया कि चंपावत जिले में 49 होटलों को पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए आवश्यक आवेदन न करने के कारण नोटिस जारी किए गए हैं। इन होटलों पर आरोप है कि वे बोर्ड से स्वीकृति लिए बिना ही संचालित हो रहे थे। बोर्ड ने होटल मालिकों को यह निर्देश दिया है कि वे अनिवार्य दस्तावेज प्रस्तुत करें और अपने होटलों का संचालन पर्यावरणीय नियमों के अनुसार करें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नैनीताल जिले के होटलों पर भी शिकंजा
नैनीताल जिले के खुर्पाताल और सरियाताल क्षेत्र में संचालित 8 होटलों का भी निरीक्षण किया गया था। इस निरीक्षण के बाद 5 होटलों को नोटिस जारी किए गए हैं, क्योंकि ये होटल भी बिना आवश्यक पर्यावरणीय स्वीकृति के चल रहे थे। इसके अलावा, एक होटल पर गंभीर उल्लंघन के लिए रिपोर्ट तैयार कर बोर्ड मुख्यालय को भेजी गई है, जिसके आधार पर उस होटल के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सभी होटलों की रिपोर्ट बनाई जा रही
अनुराग नेगी ने बताया कि क्षेत्र में संचालित सभी होटलों की जिलेवार रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसमें उन होटलों की जानकारी शामिल होगी जो बिना बोर्ड की स्वीकृति के चल रहे हैं। इन होटलों की सूची मुख्यालय को भेजी जाएगी, और उसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य राज्य में पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना और पर्यटन क्षेत्र में चल रहे होटलों को प्रदूषण मानकों का पालन करने के लिए बाध्य करना है।
होटल मालिकों में चिंता
नोटिस मिलने के बाद होटल मालिकों के बीच हड़कंप मचा हुआ है। कई होटल संचालक इस स्थिति से चिंतित हैं और जल्द से जल्द अपने कागजात को सही करने की प्रक्रिया में लग गए हैं। वहीं, कई होटल संचालकों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है और इससे उन होटलों पर भी नकेल कसी जा सकेगी, जो बिना अनुमति के संचालन कर रहे थे।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सख्ती
उत्तराखंड में पर्यटन उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है, लेकिन इस विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की चुनौतियां भी बढ़ी हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की यह सख्ती यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है कि राज्य के पर्यटन स्थलों पर पर्यावरणीय नुकसान न हो और होटलों का संचालन पर्यावरणीय मानकों के तहत हो