Sports University: उत्तराखंड बनेगा ‘खेल भूमि’, हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय
उत्तराखंड में पहली बार राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के बाद अब राज्य को खेल भूमि बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय और आठ शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी। इससे खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण और सुविधाएं मिलेंगी।
Sports University: उत्तराखंड राज्य अपने रजत जयंती वर्ष में ऐतिहासिक उपलब्धियों की ओर अग्रसर है। हाल ही में राज्य में पहली बार राष्ट्रीय खेलों का सफल आयोजन किया गया, जिसने खेल जगत में उत्तराखंड की नई पहचान बनाई। इस आयोजन के माध्यम से न केवल राज्य में खेलों का माहौल विकसित हुआ बल्कि खिलाड़ियों के लिए आधारभूत संरचना और अवसरों में भी भारी वृद्धि हुई।
राज्य सरकार ने इस मौके को खेल क्रांति में बदलते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। हल्द्वानी में प्रस्तावित खेल विश्वविद्यालय इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जिसका शिलान्यास आगामी 29 अगस्त, राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर किया जाएगा। इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य राज्य के युवाओं को पेशेवर खेल प्रशिक्षण, उच्च शिक्षा और बेहतर संसाधन मुहैया कराना है।
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आठ शहरों में खुलेंगी 23 खेल अकादमियां
सरकार ने यह भी तय किया है कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के दौरान जिन आठ शहरों में प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थीं, उन्हीं स्थानों पर कुल 23 खेल अकादमियां स्थापित की जाएंगी। यह निर्णय दोहरे लाभ की दृष्टि से लिया गया है — पहला, खेलों के लिए तैयार किए गए इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रभावी उपयोग और रखरखाव सुनिश्चित हो सकेगा, और दूसरा, खिलाड़ियों को स्थानीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता की ट्रेनिंग का अवसर प्राप्त होगा।
38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का शानदार प्रदर्शन
उत्तराखंड ने 38वें राष्ट्रीय खेलों में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की। जहां पिछली बार गोवा में आयोजित खेलों में राज्य ने सिर्फ 24 पदक जीते थे, वहीं इस बार उत्तराखंड ने 100 से अधिक पदक जीतकर राष्ट्रीय तालिका में सातवां स्थान हासिल किया। यह प्रदर्शन न केवल खिलाड़ियों की मेहनत का परिणाम है, बल्कि सरकार की सक्रिय खेल नीति और सुविधाओं में सुधार का भी परिचायक है।
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खिलाड़ियों के लिए नई खेल नीति बनी वरदान
राज्य सरकार द्वारा 2021 में लागू की गई नई खेल नीति ने खिलाड़ियों को नए उत्साह से भर दिया है। इस नीति के अंतर्गत ओलंपिक मेडल विजेताओं को 1 से 2 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त, अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियां दी जा रही हैं। खिलाड़ियों की छात्रवृत्तियां बढ़ाई गई हैं और अब तो केवल प्रतियोगिताओं में भाग लेने से भी उन्हें प्रोत्साहन राशि मिल रही है, भले ही वे पदक जीतें या नहीं।
सीएम धामी का विज़न: उत्तराखंड को ‘खेल भूमि’ बनाना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को अब ‘देवभूमि’ के साथ-साथ ‘खेल भूमि’ के रूप में भी पहचाना जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार लगातार खेलों के विकास के लिए बड़े और निर्णायक कदम उठा रही है। राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के बाद खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा है और उनके प्रदर्शन में निरंतर सुधार देखा जा रहा है।
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खेलों के माध्यम से युवाओं को दिशा
सरकार का मानना है कि खेल न केवल युवाओं को स्वस्थ बनाते हैं, बल्कि उन्हें अनुशासन, टीम भावना और नेतृत्व की सीख भी देते हैं। खेल विश्वविद्यालय और खेल अकादमियों के निर्माण से उत्तराखंड के युवाओं को प्रोफेशनल खेलों में करियर बनाने का बेहतर मंच मिलेगा।
उत्तराखंड सरकार द्वारा खेलों के क्षेत्र में उठाए गए ये कदम राज्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों पर एक मजबूत पहचान दिलाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। खेल विश्वविद्यालय, अकादमियों की स्थापना और खिलाड़ियों के लिए आर्थिक प्रोत्साहन जैसी योजनाएं राज्य को न केवल खेलों में सशक्त बनाएंगी, बल्कि हजारों युवाओं के सपनों को भी उड़ान देंगी।
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