Uttarakhand Mega Policy 2025: उत्तराखंड को मिलेगा नया औद्योगिक स्वरूप, राज्य सरकार ने लागू की मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति-2025
उत्तराखंड सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए 'उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति-2025' लागू की है। इस नीति में उद्योगों को निवेश की श्रेणियों में बांटकर प्रोत्साहन और सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इसके जरिए राज्य में आर्थिक विकास और स्थानीय लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य तय किया गया है।
Uttarakhand Mega Policy 2025: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को रफ्तार देने के उद्देश्य से उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति-2025 को स्वीकृति प्रदान की है। यह नीति न केवल राज्य को निवेश के लिए अधिक आकर्षक बनाएगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगी।
नीति का उद्देश्य और व्यापक प्रभाव
इस नीति का प्रमुख उद्देश्य है कि उत्तराखंड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए एक प्रतिस्पर्धी औद्योगिक गंतव्य के रूप में विकसित किया जाए। इसके तहत, राज्य में बड़े स्तर पर विनिर्माण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
निवेश के आधार पर चार श्रेणियां
नई नीति के तहत, स्थायी पूंजी निवेश (भूमि को छोड़कर) के अनुसार उद्योगों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है:
लार्ज उद्यम – ₹50 करोड़ से ₹200 करोड़ तक का निवेश
अल्ट्रा लार्ज उद्यम – ₹200 करोड़ से ₹500 करोड़ तक
मेगा उद्यम – ₹500 करोड़ से ₹1000 करोड़ तक
अल्ट्रा मेगा उद्यम – ₹1000 करोड़ से अधिक का निवेश
इन निवेश श्रेणियों के अनुसार, पूंजीगत प्रोत्साहन 10% से लेकर 20% तक प्रदान किया जाएगा, जिसे 8 से 15 वर्षों के बीच किस्तों में दिया जाएगा।
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स्थानीय रोजगार पर जोर
सरकार ने स्पष्ट किया है कि नई नीति के तहत स्थापित होने वाले उद्योगों को स्थानीय युवाओं को रोजगार देना होगा। इसमें चारों श्रेणियों के लिए न्यूनतम रोजगार सीमा निर्धारित की गई है:
लार्ज उद्यम – 50 स्थानीय रोजगार
अल्ट्रा लार्ज – 150 रोजगार
मेगा उद्यम – 300 रोजगार
अल्ट्रा मेगा उद्यम – 500 रोजगार
भूमि खरीद पर राहत और अतिरिक्त लाभ
भूमि की खरीद या लीज डीड के निष्पादन पर उद्यमियों को 50% तक की स्टांप ड्यूटी की प्रतिपूर्ति (अधिकतम ₹50 लाख) दी जाएगी। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त 1% से 2% पूंजीगत प्रोत्साहन का प्रावधान भी किया गया है।
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आवेदन की प्रक्रिया और समय सीमा
नीति के तहत Centralized Authorization File (CAF) प्रणाली लागू की गई है, जिसके तहत उद्योगों को 3 से 7 वर्षों के भीतर आवेदन करना होगा। इससे निवेश प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और समयबद्ध हो सकेगी।
मुख्यमंत्री का वक्तव्य
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह नीति उत्तराखंड के औद्योगिक विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे जहां राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, वहीं युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।
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“यह नीति प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को बढ़ाएगी और पर्वतीय एवं मैदानी दोनों क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना के लिए एक बेहतर माहौल तैयार करेगी।”— पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति-2025 से राज्य में व्यवस्थित औद्योगिक विकास, स्थानीय लोगों को रोजगार, और पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने जैसे कई महत्वपूर्ण लक्ष्य पूरे किए जा सकेंगे। यह नीति उत्तराखंड को देश के प्रमुख औद्योगिक राज्यों की सूची में स्थान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
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