Per capita income Uttarakhand: उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय दर से आगे, बेरोजगारी दर में भी आई कमी
Uttarakhand's per capita income is ahead of the national rate, unemployment rate has also decreased
Per capita income Uttarakhand: उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय दर से आगे, बेरोजगारी दर में भी आई कमी – सरकार की नई नीतियों और योजनाओं का दिखा असरउत्तराखंड राज्य आर्थिक विकास के मामले में एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। राज्य की प्रति व्यक्ति आय अब राष्ट्रीय औसत से भी अधिक हो गई है और बेरोजगारी दर में भी कमी आई है। ये सब सरकार की नई नीतियों और योजनाओं का परिणाम है, जो राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं।
आर्थिक गतिविधियों में तेजी, GSDP में भी जबरदस्त उछाल
उत्तराखंड सरकार द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों का राज्य की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर साफ नजर आ रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य की प्रति व्यक्ति आय में पिछले साल की तुलना में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो 2022-23 में 2,05,000 रुपये थी और 2023-24 में बढ़कर 2,60,000 रुपये हो गई। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर यह वृद्धि केवल 20 प्रतिशत रही है। इसके साथ ही, उत्तराखंड की सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) भी तेजी से बढ़कर 3,46,000 करोड़ रुपये हो गई है, जो 20 महीने पहले 2,74,000 करोड़ रुपये थी। इस आर्थिक वृद्धि में पर्यटन क्षेत्र की हिस्सेदारी 37 प्रतिशत से बढ़कर 43.7 प्रतिशत हो गई है, जबकि मैन्युफैक्चरिंग, एनर्जी और सर्विस सेक्टर में भी बेहतर प्रदर्शन देखने को मिला है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है।
बेरोजगारी दर में आई कमी
उत्तराखंड में रोजगार के हालातों में भी सुधर sudharr देखा गया हैं। वर्ष 2022-23 में राज्य में बेरोजगारी की दर 14.02% थी, जो 2023-24 में घटकर 9.8% रह गई, यानी एक साल में 4.4% की कमी आई, जबकि देशभर में यह कमी सिर्फ 2% रही। खास बात यह है कि महिलाओं की भागीदारी भी 26% से बढ़कर 32.4% हो गई है।
महिलाओं को रोजगार में बढ़ावा
महिलाओं की रोजगार भागीदारी को बढ़ाने के लिए सरकार ने कई नीतियों में संशोधन किया है। शॉप एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट और फैक्ट्री एक्ट में बदलाव कर महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा ‘लखपति दीदी’ कार्यक्रम और होमस्टे योजना ने भी महिलाओं को रोजगार से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ऊर्जा क्षेत्र में भी सुधार
सचिव नियोजन और ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत ऊर्जा क्षेत्र में भी बड़े बदलाव हुए हैं। साल 2018 से 2022 के बीच सौर ऊर्जा उत्पादन में केवल 3 मेगावाट की ही वृद्धि हुई थी, लेकिन 2022 के बाद योजना में बदलाव कर 200 किलोवाट तक की परियोजनाएं लगाने की अनुमति दी गई, जिससे अब 174 मेगावाट की परियोजनाएं धरातल पर उतर रही हैं।
इसके अलावा, राज्य के टिहरी, उत्तरकाशी और चंपाववत जिलों ने सौर ऊर्जा उत्पादन में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। साथ ही, प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत मिल रहे आवेदनों का भी जल्द निस्तारण किया जा रहा है। राज्य सरकार की कोशिश है कि अगले 2-3 सालों में सभी शासकीय विभागों की इमारतों पर सोलर पैनल लगा दिए जाएं।
निवेश को मिला बढ़ावा
पंप स्टोरेज पॉलिसी के तहत भी राज्य में बड़े निवेश हुए हैं। जिंदल ग्रुप द्वारा अल्मोड़ा जिले में 8,000 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके तहत राज्य में छोटे हाइड्रो प्रोजेक्ट्स भी टेंडर की प्रक्रिया में शामिल किए गए हैं और अभी 19 छोटे हाइड्रो प्रोजेक्ट्स लाइन में हैं।
सरकार की योजनाएं दिखा रही हैं असर
प्रदेश की नई नीतियों और योजनाओं के कारण न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। सरकार की नई नीतियों ने राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है और आने वाले समय में उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था और भी उन्नति करेगी।