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UUSDA role in the development of Uttarakhand: उत्तराखंड के विकास में UUSDA की अहम भूमिका, आधारभूत संरचना के लिए 8878 करोड़ का बजट स्वीकृत

UUSDA plays an important role in the development of Uttarakhand, budget of Rs 8878 crore approved for infrastructure.

UUSDA role in the development of Uttarakhand: देहरादून: उत्तराखंड में विकास कार्यों की गति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट एजेंसी (UUSDA) ने विभिन्न योजनाओं के लिए 8878 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत कराया है। राज्य में शहरी आधारभूत संरचना के विकास के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) समेत अन्य प्रमुख बैंकों के साथ साझेदारी की जा रही है, जिससे अगले कुछ वर्षों में उत्तराखंड के शहरी इलाकों में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को लागू किया जाएगा।

16 शहरों में होगा विकास कार्य


राज्य के 16 शहरों में UUSDA के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के तहत बुनियादी ढांचे के विकास को गति मिलेगी। एजेंसी ने एशियन डेवलपमेंट बैंक, यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक, जर्मन बैंक KFW और एशिया इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के सहयोग से परियोजनाओं के लिए 75% तक की ग्रांट की व्यवस्था की है, जबकि शेष 25% राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। स्वीकृत बजट को 2030 तक राज्य में लागू विभिन्न परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा, जिसके तहत राज्य को हर दिन तीन करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च करनी होगी।

एजेंसी ने परियोजनाओं पर किया कार्य आरंभ


उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आईएएस अफसर चंद्रेश यादव के नेतृत्व में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पहले ही कई परियोजनाओं पर कार्य आरंभ किया जा चुका है। इनमें से अधिकांश एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा वित्तपोषित हैं। हल्द्वानी में कंजेशन कम करने के उद्देश्य से एक पांच से छह मंजिला प्रशासनिक भवन का निर्माण हो रहा है, जिसमें सभी सरकारी दफ्तरों को स्थानांतरित किया जाएगा। इसके अलावा, एक बस टर्मिनल भी इसी परिसर में स्थापित किया जा रहा है।

पेयजल और सीवरेज परियोजनाओं में बड़ा निवेश


एशियन डेवलपमेंट बैंक की सहायता से चंपावत, विकास नगर, और किच्छा में पेयजल एवं सीवरेज परियोजनाएं शुरू की गई हैं। इन परियोजनाओं के लिए 2447 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है। वहीं, यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक ने पिथौरागढ़, काशीपुर, रुद्रपुर और सितारगंज में जल आपूर्ति और सीवरेज नेटवर्क के विस्तार के लिए 2766 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। पिथौरागढ़ में 280 किलोमीटर लंबे पेयजल नेटवर्क के निर्माण की योजना है, जिसमें 13500 घरेलू कनेक्शन दिए जाएंगे और नौ जलाशयों का निर्माण भी किया जाएगा। इसी प्रकार रुद्रपुर और काशीपुर में क्रमशः 539 किलोमीटर और 553 किलोमीटर लंबा जल आपूर्ति नेटवर्क बनाया जा रहा है।

देहरादून और हरिद्वार में चल रही योजनाएं


एशियन डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से देहरादून और हरिद्वार में पहले से ही विभिन्न योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। 2008 से एशियन डेवलपमेंट बैंक के साथ उत्तराखंड सरकार काम कर रही है और अब तक इन शहरों में 5213 करोड़ रुपये का बजट प्राप्त हो चुका है। देहरादून और नैनीताल में जल आपूर्ति और सीवरेज योजनाओं के लिए भी 1248 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं, जिन्हें 2028 तक खर्च किया जाएगा।

ऋषिकेश और मुनि की रेती में विकास कार्य


जर्मन बैंक KFW की मदद से ऋषिकेश, मुनि की रेती और स्वर्ग आश्रम क्षेत्र में जल आपूर्ति, बाढ़ सुरक्षा, पर्यटन और ड्रेनेज सिस्टम पर कार्य किया जा रहा है। यह परियोजना 1728 करोड़ रुपये की है और इसे 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इन परियोजनाओं के तहत इन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही जल आपूर्ति और बाढ़ सुरक्षा को भी मजबूत किया जाएगा।

चुनौतियां और संभावनाएं


हालांकि UUSDA ने राज्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण बजट जुटाया है, लेकिन इस बजट का सही समय पर उपयोग और योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करना एक बड़ी चुनौती है। इस काम के लिए पर्याप्त अनुभवी स्टाफ की आवश्यकता होगी, ताकि सभी परियोजनाओं को समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा किया जा सके। UUSDA के अधिकारियों के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा कि सभी कार्य सुचारू रूप से चलें और निर्धारित समय सीमा में पूरे किए जाएं।

Mansi Negi

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