Vice President in Jaisalmer: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जैसलमेर पहुंचे जहां उन्होंने BSF की बावलियांवाला सीमा चौकी का दौरा कर जवानों से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने ‘तनोट विजय स्तंभ’ पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी। इसके बाद BSF के सैनिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि “आपके बीच में आकर एक नई ऊर्जा का एहसास हो रहा है। यह पल मेरे लिए बहुत खास है और हमेशा याद रहेगा”। साथ ही अपने छात्र जीवन को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि “मैं चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल से पढ़ा हूं। 5वीं कक्षा में पहली बार वर्दी पहनी थी तब मुझको वर्दी की ताकत और अहमियत का पता चला था। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल के जवानों की कर्तव्यनिष्ठा की तारीफ करते हुए कहा कि “आपको देखकर मैं बहुत खुश हूं! और आप लोगों का काम बहुत ही अच्छा है। कठिन परिस्थितियों में BSF के जवान ड्यूटी करते हैं। जवानों के पुरुषार्थ की प्रशंसा करते हुए कहा कि “धूप में कुछ मिनट खड़ा रहना मुश्किल है। वातावरण काफी चुनौतीपूर्ण है यहां तक की सीमा पर पलक झपकाने की भी फुर्सत नहीं है लेकिन फिर भी आप लोग चट्टान की तरह खड़े रहते हैं”।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि “आज उन माताओं को में नमन करता हुं जिन्होंने वीर पुत्र और वीरांगनाओं को जन्म दिया हैं” महिलाओं की भागीदारी पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि “यह भारत का बदलती तसवीर हैं, जहां हमारी बेटियों ने क्या कुछ नहीं किया। मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई जब उनकी भागीदारी देखी। राष्ट्र की रक्षा करने के लिए अपने जीवन का बलिदान करना बहुत मुश्किल होता है। ”उपराष्ट्रपति ने रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता पर भी बातें कि जिसमें कहा कि एक समय था जब भारत में एक कील भी बाहर से आती थी लेकिन अब हम रक्षा उपकरण बनाने में सक्षम हैं। इन्होंने फ्रिगेट, तेजस जैसी मिसाइल के बारे में कहा। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल के जवानों के बारे में कहा कि “आप सभी शांति के दूत हैं, आप लोगों की वजह से भारत पूरी दुनिया में शांति का दूत हैं”। देश के विकास में BSF की भूमिका के बारे में उपराष्ट्रपति ने कहा कि “आप सीमा पर तैनात हैं, इसी कारण भारत के लोग सुरक्षित वातावरण में जी रहे हैं और यह आपके पराक्रम का ही परिणाम है कि हर भारतीय निश्चिंत होकर काम में निरंतर गतिशील हैं”।