Vijay Singla Punjab: विजय सिंगला को भ्रष्टाचार मामले में क्लीन चिट, लेकिन ओएसडी की जांच अब भी जारी
पंजाब के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला को 2022 में दर्ज एक भ्रष्टाचार मामले में पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है। यह मामला मोहाली के फेज-8 थाने में दर्ज हुआ था, जिसमें सरकारी ठेकों के आवंटन के बदले एक फीसदी कमीशन की मांग का आरोप लगाया गया था।
Vijay Singla Punjab: पंजाब के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला को 2022 में दर्ज एक भ्रष्टाचार मामले में पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है। यह मामला मोहाली के फेज-8 थाने में दर्ज हुआ था, जिसमें सरकारी ठेकों के आवंटन के बदले एक फीसदी कमीशन की मांग का आरोप लगाया गया था। हाल ही में पुलिस ने अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें कहा गया कि सिंगला और अन्य आरोपितों के खिलाफ कोई ठोस या अभियोजनीय साक्ष्य नहीं मिले।
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ओएसडी प्रदीप कुमार की भूमिका संदिग्ध
हालांकि, इस मामले में तत्कालीन ओएसडी प्रदीप कुमार की भूमिका अब भी जांच के घेरे में है। पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि भले ही प्रदीप कुमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है, लेकिन उनकी भूमिका की जांच अब भी जारी है। इस कारण मामले की पूरी तरह से समाप्ति अभी नहीं मानी जा सकती।
शिकायतकर्ता ने क्लोजर रिपोर्ट पर जताई सहमति
शिकायतकर्ता राजिंदर सिंह, जो कि उस समय पंजाब हेल्थ सिस्टम्स कारपोरेशन में डेपुटेशन पर कार्यरत सरकारी इंजीनियर थे, ने भी अदालत में क्लोजर रिपोर्ट से सहमति जताई है। उन्होंने आरोप लगाया था कि मई 2022 में उन्हें पंजाब भवन बुलाकर मंत्री विजय सिंगला और उनके ओएसडी प्रदीप कुमार से मिलवाया गया था, जहां 58 करोड़ रुपये के कार्यों के ठेकों में से दो फीसदी कमीशन की मांग की गई थी।
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धमकियों और रिश्वत की मांग का आरोप
शिकायत में आरोप लगाया गया था कि जब राजिंदर सिंह ने रिश्वत देने से इनकार किया, तो उन्हें बार-बार धमकियां दी गईं और व्हाट्सएप कॉल्स के माध्यम से दबाव बनाया गया। 20 मई को उनसे 10 लाख रुपये की मांग की गई और कहा गया कि आगे किसी भी सरकारी ठेके के लिए एक फीसदी कमीशन देना अनिवार्य होगा। 23 मई को उन्होंने सचिवालय में हुई मुलाकात को रिकॉर्ड भी किया था, जिसमें मंत्री को कथित रूप से रिश्वत देने की बात सामने आई थी।
मुख्यमंत्री की त्वरित कार्रवाई और अब उठते सवाल
जब ये आरोप सामने आए थे, तब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इंटरनेट मीडिया पर विजय सिंगला की गिरफ्तारी की घोषणा की और तुरंत उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया। इसके बाद सिंगला को विजिलेंस ब्यूरो के हवाले किया गया था और 8 जुलाई 2022 को उन्हें जमानत मिल गई थी।
अब जबकि पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है, यह मामला राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। रिपोर्ट ने शासन की पारदर्शिता, राजनीतिक जवाबदेही और सरकारी सतर्कता तंत्र की प्रभावशीलता पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
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राजनीतिक पुनर्वास के संकेत
सिंगला को हाल ही में पंजाब विधानसभा की विभिन्न समितियों में नियुक्त किया गया है, जिससे उनके राजनीतिक पुनर्वास की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि अंतिम निर्णय 14 जुलाई को अदालत द्वारा क्लोजर रिपोर्ट पर दिए जाने वाले फैसले के बाद ही स्पष्ट होगा।
डॉ. विजय सिंगला को राहत तो मिली है, लेकिन ओएसडी प्रदीप कुमार की जांच अभी जारी है। यह मामला सत्ता, प्रशासन और जवाबदेही के बीच संतुलन बनाए रखने की जरूरत को फिर से उजागर करता है।
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