नई दिल्ली: जिसने विलेन के तौर पर बॉलीवुड में अपनी शुरूआत की और हर संघर्ष को पार कर बुलंदियों पर पहुंचे। उसके बाद सब कुछ छोड़ आध्यात्म को जिसने अपना लिया वो कोई और नहीं अपने समय के सबसे टैलेंटेड और हैंडसम एक्टर विनोद खन्ना (Vinod Khanna Birthday) थे। फ़िल्मों में काम करने के अलावा उनकी ख़ुद की भी कहानी पूरी फिल्मी थी। वो बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर्स में से एक थे जिन्हें देख ऑडियंस झूम उठती थी। उनका फिल्मी करियर काफ़ी अच्छा रहा था। लेकिन एक्टर विनोद खन्ना की ज़िंदगी की कुछ ऐसी किस्से और कहानियां है जो बहुत से लोगों को नही पता है। आज हम जानेंगे विनोद खन्ना की ज़िंदगी के अनसुने किस्से।
ऐक्टर Vinod Khanna की शुरुआती ज़िंदगी
विनोद खन्ना (Vinod Khanna Birthday) का जन्म 6 अक्टूबर 1946 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था। ये पंजाबी मिडिल क्लास फैमिली से आते थे और इनके पिता का एक बड़ा बिजनेस था। जन्म के एक साल बाद ही भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के कारण एक्टर का पूरा परिवार मुंबई आ गया। उनकी शुरुआती पढ़ाई वहीं हुई लेकिन एक बार फिर उन्हें मुंबई छोड़कर दिल्ली जाना पड़ा। कुछ समय वहां रहने के बाद उन्हें फिर मुंबई जाना पड़ता। उस वक्त वो 14 साल के थे और बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते थें।
विनोद खन्ना (Vinod Khanna Birthday) शुरु से ही बहुत शर्मीले थें। उनको तब तक एक्टिंग का कोई शौक नहीं था लेकिन एक बार उन्हें स्कूल में नाटक में काम करने का मौका मिला और फ़िर उनके अंदर एक्टिंग का कीड़ा आ गया। वो शुरू में एक्टर नहीं बल्कि कुछ और बनने का सपना देख रहे थे और वो सपना था एक क्रिकेटर बनने का। जब उन्हें लगा की वो क्रिकेटर नही बन पाएंगे तो फिर उनके सपनों की उड़ान एक्टिंग के पंखों के साथ उड़ने लगी।
उनकी पहली फिल्म “मन की मीत” थी जिसमे वो खलनायक के रोल में नज़र आए थे और फिल्म 1968 में रिलीज़ हुई थी। उसके बाद उन्होंने कई सालों तक खलनायक के रोल ही निभाए। उसके बाद 1971 में उन्हें फिल्म “हम तुम और वो” में बतौर मेन लीड रोल मिला। इसके बाद वो कई सालों तक नहीं रुके और अपनी एक्टिंग का जादू चलाते रहें। इसी बीच विनोद खन्ना ने गीतांजलि से शादी कर ली जिनसे वो थिएटर करने के समय मिले थें। उनके दो बच्चे अक्षय खन्ना और राहुल खन्ना हैं।
एक्टिंग छोड़ जब विनोद खन्ना आश्रम चले गए
अपने करियर के ऊंचाइयों पर उन्होंने एक ऐसा फैसला लिया की उनके परिवार और फैंस हैरान रह गए। 70 के दशक की बात है सब कुछ होते हुए भी वो अपनी ज़िंदगी में खालीपन महसूस कर रहे थे। और इसी के बाद उन्होंने सब कुछ त्याग दिया और ओशो के आश्रम चले गए। आश्रम जाने से पहले विनोद खन्ना ने अपनी सारी धन दौलत गरीबों में बांट दी थी।
वो ओशो के साथ अमेरिका चले गए थे और वहां उन्होंने आम लोगों की तरह ज़िंदगी बिताई और बगीचे में माली की तरह काम करने से लेकर टॉयलेट साफ करने तक सब कुछ किया। लेकिन फिर अमेरिका में ओशो का आश्रम बंद होने के बाद विनोद खन्ना वापस भारत आ गए और फिल्मों में एक बार फिर शुरूआत की।
फिल्मी शिखर पर वापस आने में उन्हें ज्यादा समय नहीं लगा। लेकिन जब वो वापस आए तो उनका गीतांजलि से तलाक हो गया। जिसके बाद उन्होंने कविता खन्ना से शादी कर ली और उनसे उन्हे दो बच्चे हुए।
कैंसर ने ले ली अभिनेता की जान
6 साल कैंसर से जूझने के बाद 27 अप्रैल 2017 को उनकी मौत हो गई। उनकी मौत भी फैंस और परिवार के लिए एक झटका था। विनोद खन्ना ने कभी भी अपनी बीमारी के बारे में किसीको नहीं बताया था। मौत से कुछ वक्त पहले अपने चुनाव के लिए वो अपने चुनावी क्षेत्र गुरदासपुर गए थें। वहां जब उनसे पूछा गया कि वो इतने समय से कहां गायब थें तो इसपर उन्होंने बताया की वो 6 साल से कैंसर से जूझ रहे हैं और उनकी हालत अब ठीक है। लेकिन कुछ समय बाद कैंसर से उनका निधन हो गया।