DOCTORS PLANS DEMONSTRATION: पश्चिम बंगाल: ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस के आरोपियों को जमानत, डॉक्टरों में आक्रोश, प्रदर्शन की योजना
DOCTORS PLANS DEMONSTRATION: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले में सीबीआई द्वारा तय समय पर आरोप पत्र दाखिल न कर पाने के कारण दो आरोपियों को जमानत मिल गई है। इस फैसले से नाराज डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है।
DOCTORS PLANS DEMONSTRATION: पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए कथित रेप और हत्या के मामले में न्याय मिलने में देरी और आरोपियों को जमानत मिलने के कारण डॉक्टरों और मेडिकल समुदाय में गहरा आक्रोश फैल गया है। इस मामले में सीबीआई द्वारा समय पर आरोप पत्र दाखिल न करने के कारण दो आरोपियों, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल, को सियालदह कोर्ट से जमानत मिल गई।
डॉक्टरों और मेडिकल समुदाय का कहना है कि यह जमानत न्याय प्रक्रिया में एक बड़ी खामी को उजागर करती है। इस घटना ने न केवल चिकित्सा समुदाय को झकझोर दिया है, बल्कि पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा और न्याय प्रणाली की दक्षता को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
मेडिकल समुदाय का विरोध प्रदर्शन
घटना के खिलाफ रोष जाहिर करते हुए, पश्चिम बंगाल संयुक्त चिकित्सक मंच (डब्ल्यूबीजेपीडी) ने 26 दिसंबर तक डोरेना क्रॉसिंग पर धरना-प्रदर्शन की योजना बनाई है। मंच ने सीबीआई से मांग की है कि वह इस मामले में तत्काल पूरक आरोप पत्र दाखिल करे। मंच के संयुक्त संयोजक डॉक्टर पुण्यब्रत गन ने कहा, “हम सीबीआई से आग्रह करते हैं कि वह मामले की निष्पक्षता और जल्द न्याय सुनिश्चित करने के लिए तत्परता दिखाए।”
डब्ल्यूबीजेपीडी ने इस प्रदर्शन को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से आयोजित करने की बात कही है। इसके लिए उन्होंने कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा को पत्र लिखकर प्रदर्शन की अनुमति मांगी है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि प्रदर्शन यातायात में बाधा डाले बिना होगा और सभी कानूनी एवं सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा।
सीबीआई कार्यालय तक निकाला मार्च
डब्ल्यूबीजेपीडी ने इस मुद्दे पर शनिवार को साल्ट लेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीबीआई कार्यालय तक एक विरोध मार्च भी निकाला। प्रदर्शनकारियों ने सीबीआई की निष्क्रियता की आलोचना की और मामले में तेजी लाने की मांग की।
क्या है मामला?
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की एक ऑन-ड्यूटी महिला डॉक्टर मृत पाई गई थीं। प्रारंभिक जांच में यह मामला बलात्कार और हत्या का प्रतीत हुआ। इस घटना के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। महिला डॉक्टर के साथ हुई इस क्रूरता ने चिकित्सा जगत और आम नागरिकों को स्तब्ध कर दिया।
घटना के बाद संदीप घोष और अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, सीबीआई ने 90 दिनों की अनिवार्य अवधि के भीतर आरोप पत्र दाखिल नहीं किया, जिसके कारण सियालदह कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी।
डॉक्टरों की प्रमुख मांगें
डब्ल्यूबीजेपीडी और अन्य डॉक्टर संगठनों की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
- सीबीआई द्वारा पूरक आरोप पत्र दाखिल करना: डॉक्टर समुदाय का कहना है कि सीबीआई को बिना किसी देरी के मामले में आरोप पत्र दाखिल करना चाहिए।
- सुरक्षा की गारंटी: उन्होंने पुलिस प्रशासन से प्रदर्शन के दौरान प्रतिभागियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
- न्याय प्रणाली में सुधार: यह मामला न्याय प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को उजागर करता है ताकि ऐसे गंभीर मामलों में अनावश्यक देरी न हो।
डॉक्टरों का रोष और आगे की कार्रवाई
डॉक्टर समुदाय का कहना है कि यह मामला केवल एक महिला डॉक्टर के साथ हुए अपराध तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यापक रूप से समाज में महिलाओं की सुरक्षा और न्याय प्रणाली की जवाबदेही पर सवाल खड़ा करता है। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो उन्होंने और बड़े आंदोलन करने की चेतावनी दी है।