Jammu and Kashmir Latest News: स्वतंत्रता दिवस से पहले आतंकियों की मूवमेंट को लेकर एक हैरान वाली खबर सामने आई है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, जम्मू-कश्मीर में सक्रिय एक आतंकवादी समूह दिल्ली या पंजाब में आत्मघाती हमले की योजना बना रहा है।
खुफिया जानकारी से पता चलता है कि, यदि सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के कारण कोई आतंकवादी हमला नहीं भी होता है, तो भी स्वतंत्रता दिवस के बाद एक बड़े हमले की योजना बनाई जा सकती है। इस खबर के सामने आने के बाद से ही दिल्ली और पंजाब में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ऐसे दावे तब से किए जा रहे हैं जब कठुआ में पहली बार दो संदिग्ध आतंकवादी देखे गए थे।
संचार एजेंसी की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, स्वतंत्रता दिवस के आसपास आत्मघाती हमला हो सकता है। जम्मू-कश्मीर में कठुआ सीमा के पास एक गांव में दो संदिग्ध लोगों को हथियारों के साथ देखा गया है। वे पंजाब के पठानकोट भी जा सकते हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 1 जून को जम्मू शहर के अंदरूनी इलाकों में विस्फोटकों की एक खेप पहुंची, जिसका इस्तेमाल सुरक्षा प्रतिष्ठानों, शिविरों, वाहनों या सार्वजनिक स्थानों को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता था।
IED हमले की आशंका, दिल्ली है निशाना!
खुफिया जानकारी के अनुसार आईएसआई पंजाब और जम्मू-कश्मीर के आसपास के इलाकों में सक्रिय गैंगस्टरों, कट्टरपंथियों और आतंकवादियों से संपर्क कर भारत में अशांति फैला सकती है। पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के एक गुप्त गठबंधन ने अमरनाथ यात्रा को रोकने की कोशिश की है। खुफिया अलर्ट में कहा गया था कि 15 अगस्त के आसपास कुछ स्थानों पर भीड़ को निशाना बनाने के लिए आईईडी का इस्तेमाल किया जा सकता है। सरकार के कुछ कार्यों से नाराज लोग बड़ा हंगामा कर सकते हैं।
जम्मू संभाग में बढ़ा दी गई है सुरक्षा व्यवस्था
जम्मू-कश्मीर के कठुआ, डोडा, उधमपुर, राजौरी और पुंछ जिलों में हमलों के बाद बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। आतंकवादी संगठन मशहूर हस्तियों, प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक स्थानों और यातायात को निशाना बना सकते हैं। सुरक्षा बल के जवान पहले से ही उनके निशाने पर हैं। लश्कर और जैश का अगला निशाना दिल्ली है। खुफिया जानकारी के अनुसार 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी जानी चाहिए।
कौन से समूह खतरा पैदा कर रहे हैं?
राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री, प्रमुख हस्तियों और भारी भीड़ की मौजूदगी के कारण आतंकवादी इसे आसान लक्ष्य मान रहे हैं। यह पाकिस्तानी आतंकवादियों, जिहादी समूहों और चरमपंथियों के लिए एक अवसर हो सकता है। सूत्रों से मिली एक रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि, खालिस्तानी आतंकवादियों, वामपंथी उग्रवादी समूहों और पूर्वोत्तर के विद्रोहियों से भी खतरा हो सकता है।