Nepal Earthquake News: नेपाल की राजधानी काठमांडू में मंगलवार सुबह 7.1 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। राष्ट्रीय भूकंप मापक केंद्र ने यह जानकारी दी। देश की भूकंप निगरानी एजेंसी ने बताया कि भूकंप के झटके सुबह 6:50 बजे महसूस किए गए, जिसका केंद्र नेपाल-तिब्बत सीमा बताया जा रहा है। इसके अलावा चीन के डिंगी में भी तेज भूकंप आने का दावा किया जा रहा है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक 36 लोगों की मौत हो गई है।
नेपाल में भूकंप के तेज झटके महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए, हालांकि अभी तक भूकंप से किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि नेपाल में ऐसा क्या है कि वहां बार-बार विनाशकारी भूकंप आते हैं। तो चलिए जानते हैं।
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नेपाल हिमालय पर्वत शृंखला के मध्य में स्थित है। यह भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों की प्लेट सीमा पर है। भारतीय प्लेट उत्तर की ओर बढ़ रही है और यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है। इस टकराव से भारी तनाव पैदा होता है, जो समय-समय पर भूकंप के रूप में सामने आता है। यह प्रक्रिया लाखों सालों से चल रही है, जिसके कारण हिमालय का निर्माण हुआ।
जब टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकराती हैं, तो उनकी गति बाधित होती है और उनमें तनाव पैदा होता है। यह तनाव अचानक टूट जाता है और ऊर्जा के रूप में बाहर निकलता है, जो भूकंप का कारण बनता है। नेपाल ‘सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र’ में आता है, जहाँ इस प्रकार की ऊर्जा निकलती है। जिसके कारण उसे बार-बार विनाशकारी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।
हिमालय की भौगोलिक कमज़ोरियाँ
हिमालय एक युवा पर्वत है जो भूगर्भीय दृष्टि से बहुत अस्थिर है। कहा जाता है कि यहाँ की चट्टानें भी बहुत कमज़ोर हैं, जो भूकंप के प्रभाव को और भी बढ़ा देती हैं। इसके अलावा मिट्टी के कटाव और बारिश के कारण ज़मीन खिसकने लगती है और यह घटना को और भी गंभीर बना देती है।
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2015 का विनाशकारी भूकंप
इससे पहले 2015 में नेपाल में विनाशकारी भूकंप आया था। इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई थी। अप्रैल 2015 में आए इस भूकंप में करीब 9000 लोग मारे गए थे और 22 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसके अलावा 8 लाख से ज्यादा घर और स्कूल की इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई थीं।
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1988 नेपाल भूकंप
इससे पहले नेपाल की धरती 21 अगस्त 1988 को बुरी तरह हिली थी। हालांकि, इसकी तीव्रता इससे थोड़ी कम थी। 6.9 तीव्रता वाले इस भूकंप में 700 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घायल हो गए थे।
1934 नेपाल-बिहार भूकंप
अगर इससे थोड़ा पहले की बात करें तो 1934 में नेपाल में 8 तीव्रता का सबसे घातक भूकंप आया था। इसकी तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसका असर बिहार में भी देखने को मिला था। इस भूकंप को इतिहास के सबसे भयानक भूकंपों में से एक माना जाता है। 15 जनवरी 1934 को आए भूकंप में 10 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इस भूकंप के बाद महात्मा गांधी ने भी बिहार का दौरा किया था।
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