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National Mourning flag International Leaders death: ‘राष्ट्रीय शोक’ के क्या है मायने? किन किन विदेशी नेता की मृत्यु पर झुका था भारत का झंडा

What is the meaning of 'national mourning'? Indian flag was lowered on the death of which foreign leaders?

National Mourning flag International Leaders death: ईरान के राष्ट्रपति रईसी के हेलीकॉप्टर क्रैश में निधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister narandra modi) ने शोक जताया है। भारत सरकार ने एक दिन के लिए राष्ट्रीय शोक (National mourning’) भी घोषित किया। ये कोई पहली बार नहीं है जब दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष के निधन पर राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। जानिए इससे पहले कब-कब ऐसा निर्णय लिया गया।

ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (Ebrahim Raisi) के सम्मान में भारत ने एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। राष्ट्रपति भवन में फहराए गए राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान देते हुए आधा झुका दिया गया है। पूरे भारत में मंगलवार यानी एक दिन के लिए राष्ट्रीय ध्वज (National flag) आधा झुका रहेगा। राष्ट्रीय शोक के दौरान मनोरंजन वाला कोई आधिकारिक कार्यक्रम नहीं होगा। हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री होसैन अमीरबदोल्लाहियान का निधन हो गया था। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ईरान के राष्ट्रपति सैय्यद इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री होसैन अमीरबदोल्लाहियान के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने भारत-ईरान संबंधों को मजबूत करने में दोनों नेताओं की ओर से निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति का सम्मान करने और अचानक निधन पर शोक जताने के लिए भारत सरकार ने एक दिन का राष्ट्रीय शोक (‘National mourning’ ) का ऐलान किया.

क्या होता है राष्ट्रीय शोक

भारत में ‘राष्ट्रीय शोक’ पूरे देश के दुःख को व्यक्त करने का एक प्रतीकात्मक तरीका है। ‘राष्ट्रीय शोक’ किसी ‘व्यक्ति’ विशेष के निधन या पुण्य तिथि पर मनाया जाता है। फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के अनुसार, राष्ट्रीय शोक के दौरान, पूरे भारत में और विदेश स्थित भारतीय संस्थानों जैसे एंबेसी आदि पर लगे राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहते हैं। कोई औपचारिक और सरकारी कार्यक्रम नहीं किया जाता। इस अवधि के दौरान कोई आधिकारिक कार्य भी नहीं होता। भारत में पहला राष्ट्रीय शोक महात्मा गांधी की हत्या के बाद घोषित किया गया था।

आधा झुका रहेगा तिरंगा

राष्ट्रीय शोक की अवधि के दौरान सरकारी समारोहों और आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम पर भी प्रतिबंध रहता है। शुरुआत में ‘राष्ट्रीय शोक’ सिर्फ वर्तमान और पूर्व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के लिए आरक्षित था, हालांकि, कुछ समय बाद इसमें कई बदलाव किए गए। अब अन्य गणमान्य व्यक्तियों के मामले में केंद्र सरकार के विशेष निर्देश पर राष्ट्रीय शोक घोषित किया जा सकता है। अगर देश में किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा आए तो ऐसे वक्त भी ‘राष्ट्रीय शोक’ घोषित किया जा सकता है। इसके साथ ही दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष के अचानक निधन पर भी केंद्र सरकार (central government) राष्ट्रीय शोक घोषित कर सकती है।

सार्वजनिक छुट्टी जरूरी नहीं

आपको बता दें पहले सरकारी कार्यालय राष्ट्रीय शोक पर अवकाश मनाते थे। लेकिन 1997 में, केंद्र सरकार ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि अब सार्वजनिक अवकाश की आवश्यकता नहीं है। इसका खंड हटा दिया गया। फिर भी, राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए निधन होने की स्थिति में अवकाश होता है। राज्य सरकारों के पास किसी भी गणमान्य व्यक्ति के निधन पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का अधिकार भी है।

इन विदेशी नेताओं के लिए हुई थी राष्ट्रीय शोक घोषणा

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से पहले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की मौत पर भारत सरकार ने एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी। शिंजो आबे की मौत 8 जुलाई 2022 को उस समय हुई थी जब चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें एक हमलावर ने गोली मार दी थी। पीएम मोदी ने उनके निधन पर दुख जताया और 9 जुलाई 2022 को राष्ट्रीय शोक घोषित किया था। इससे पहले 14 मई 2022 को संयुक्त अरब अमीरात के शेख खलीफा बिन जायद के निधन पर एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया था। इससे पहले मॉरिशस के प्रधानमंत्री भारतीय मूल के अनिरूद्ध जगन्नाथ के निधन पर 5 जून 2021 को राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया था।

Written By । Prachi Chaudhary । Nationa Desk । Delhi

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