UP Saharanpur News: दिव्यांगो की थाने में नही हो रही सुनवाई तो जमीन पर रेंगते हुए पहुंच रहे SSP दरबार
When the disabled are not being heard at the police station, they are crawling on the ground to reach the SSP's court
UP Saharanpur News: सरकार पुलिस व्यवस्था को बेहतर करने में लगी है ऑनलाइन वेबसाइट भी और व्हाट्सएप पर भी सभी जिले के अधिकारियों को आदेशित किया गया है की जो दूर दराज से ग्रामीण क्षेत्र से बुजुर्ग महिला पुरुष के दिव्यांग लोग आते हैं उन्हें पहले प्राथमिकता दी जाए और उनके मामले में पुलिस निष्पक्ष कार्रवाई कर उन्हें इंसाफ दिलवाकर हर संभव मदद करें. बावजुद इसके बुजुर्ग और दिव्यांगों महिला की थाने में कोई सुनवाई नहीं होती जिस कारण उन्हें मजबूरन दूर-दराज से रेंगते हुए भीषण गर्मी में एसएसपी कार्यालय पहुंचकर इंसाफ मांगना पड़ता हैं
जानकारी के मुताबिक एक ताजा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद सहारनपुर के थाना गागालेडी से सामने आया है जहां दूर दराज से एक विकलांग महिला गागालेडी थाने चक्कर लगाने के बाद जब उसकी सुनाई नहीं हुई तो एसएसपी कार्यालय में कड़कती धूम में रेंगते हुए बड़ी मुस्किल से एसएसपी कार्यालय पहुंची. जब तक एसएसपी और एसपी सिटी अपने कार्यालय से निकल चुके थे. पुलिस कर्मी गेट पर खड़े थे गेट पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने एक बार भी दिव्यांग महिला की पीड़ा को नहीं सुना और वहां से उसे टाल दिया
बता दें थाना गागालेडी थाने का यह पहला मामला नहीं है इस पहले भी एक दिव्यांग महिला अपने पति की पीठ पर बैठकर इंसाफ की गुहार लगाने एसएसपी कार्यालय पहुंची थी. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जिला प्रशासन के उच्च अधिकारी या एसएसपी थाना प्रभारी वे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं या नहीं
दिव्यांग महिला ने बताया कि उसका नाम शाहजहां है और वह थाना गागालेडी के ग्राम माजरी से दूर दराज से आई है. वह अपने पिता के साथ अलग रहती है दिव्यांग महिला के बजुर्ग पिता ने जमीन का बंटवारा कर -अपने बेटो को उनका हिस्सा दे दिया,और वो अपने बजुर्ग पिता के साथ अपने हिस्से के घर में रहती है सिलाई का काम से अपने और अपने पिता का पेट पाल रही है, उसका एक भाई नेशडी और गलत कामों में लिप्त है जो हर रोज उनके साथ मारपीट करता है और जान से मारने की बात करता है मकान के हिस्से पर जबरन दबंगई कर कब्जा करना चाहता हैं. भाई के बढ़ते लगातार अत्याचार से परेशान होकर थाने में चक्कर काट रही हूं पिता और मेरी थाने में कोई सुनवाई नहीं होती.