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Nitish Kumar in NDA govt: कहां अटकी है नीतीश बाबू की नजरें, नरेंद्र मोदी से क्या-क्या मांगेंगे नीतीश कुमार?

Nitish Kumar in NDA govt: नीतीश कुमार को लेकर कई खबरें सामने आ रही हैं। बुधवार सुबह ऐसी अफवाहें उड़ीं कि नीतीश कुमार पाला बदलकर एक बार फिर विपक्षी गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। लेकिन, शाम को एनडीए की बैठक में शामिल होकर नीतीश कुमार ने सारे कयास खत्म कर दिए।

केंद्र में एनडीए की नई सरकार बनने से ज्यादा, सियासी माहौल इन दिनों बिहार के सीएम और जेडीयू मुखिया नीतीश कुमार को लेकर गर्माया हुआ है। लोकसभा चुनाव के नतीजों में जेडीयू को 12 सीटें मिली हैं। एनडीए के घटक दलों में नीतीश कुमार की पार्टी तीसरा सबसे बड़ा दल बनकर उभरी है। ऐसे में केंद्र की नई सरकार में नीतीश कुमार की अहमियत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सियासी अनुमान लगाए जा रहे हैं कि नरेंद्र मोदी के सामने नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्रिमंडल में अहम मंत्रालयों सहित बिहार के लिए आर्थिक और दूसरी राहत संबंधी मांगें रख सकते हैं। हालांकि, अपनी मांगों को लेकर नीतीश कुमार ने अभी तक चुप्पी साध रखी है। आइए समझते हैं कि नीतीश कुमार की इस खामोशी का राज क्या है?

नीतीश कुमार बुधवार को दिल्ली पहुंचे और एनडीए की बैठक में हिस्सा लिया। इसके बाद मीडिया में खबरें आईं कि नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के लिए चार मंत्री पदों की मांग की है। हालांकि, अभी तक आधिकारिक तौर पर JDU के किसी नेता ने इस दावे की पुष्टि नहीं की है। ईटी की खबर के मुताबिक, नीतीश कुमार से जुड़े एक बेहद करीबी नेता ने बताया कि सही समय आने पर, वो भाजपा नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपनी पार्टी की हिस्सेदारी पर बातचीत करेंगे। एक सहयोगी के तौर पर BJP के साथ नीतीश कुमार (Nitish kumar)  का लंबा रिश्ता रहा है और यही कारण है कि वह अभी तक चूप हैं।

सौदेबाजी करेंगे या डिमांड रखेंगे नीतीश कुमार

JDU पदाधिकारियों के अनुसार, नीतीश कुमार अपने प्रत्येक तीसरे सांसद के लिए मंत्रिमंडल में एक सीट की मांग कर सकते हैं, बावजूद इसके कि उनके मन की बात को समझ पाना कठिन है। JDU से जुड़े एक और सूत्र ने बताया कि अगर नीतीश कुमार की इस मांग को पूरा किया जाता है, तो उनकी पार्टी के पास केंद्र में 4 मंत्री पद होंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM narandra modi) के साथ नीतीश के बहुत ही मधुर संबंध हैं और ऐसे में इस बात की कतई संभावना नहीं कि वो केंद्र के साथ कोई बहुत मुश्किल सौदेबाजी करेंगे या डिमांड रखेंगे। दूसरी ओर बिहार में नीतीश की सरकार भी बीजेपी के सहारे टिकी है, जिससे उनकी सौदेबाजी की ताकत खुद ही कम हो जाती है।

कौन-कौन से मंत्रालयों पर नीतीश की नजरें इस बात के भी संकेत नजर आ रहे हैं कि JDU ऐसे मंत्रालयों को प्राथमिकता दे सकती है जो नीतीश कुमार के विकास मॉडल को आगे बढ़ाने में मदद कर सकें। बेहद चौंकाने वाले कदम के तहत नीतीश कुमार इथेनॉल इंडस्ट्री (Ethanol Industry ) को बढ़ावा देने के लिए केंद्र से पेट्रोलियम मंत्रालय की भी मांग कर सकते हैं। इसके अलावा कृषि मंत्रालय पर भी नीतीश कुमार की निगाहें होंगी। केंद्रीय कृषि मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान, नीतीश कुमार पूर्वी राज्यों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद सहित कई परियोजनाओं को bihar लेकर आए थे।

Prachi Chaudhary

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