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Rahul Dravid News Today: राहुल द्रविड ने क्यों किए 2.5 करोड़ कुर्बान, बोर्ड ने ऑफर किया था 5 करोड़

Why did Rahul Dravid sacrifice 2.5 crores, the board had offered 5 crores

Rahul Dravid News Today: टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ एक बेहतरीन इंसान हैं। एक कोच और एक क्रिकेट खिलाड़ी के तौर पर उन्होंने सभी का दिल जीता है और इन दिनों उनकी शख्सियत एक और क्षेत्र में उभर कर सामने आई है। उन्होंने T20 विश्व कप (World cup) के इनाम के तौर पर खिलाड़ियों के बबरार 5 करोड़ को ठुकराया, जबकि अन्य कोचों के बराबर इनाम लेने का निर्णय़ लिया।

क्रिकेट के सबसे सज्जन खिलाड़ियों में से एक राहुल द्रविड़ शायद ही कभी किसी विवाद में फंसे हों। हर कोई उनके व्यवहार और खेलने की शैली को प्रभावशाली पाता है। अब एक ऐसी बात सामने आ रही है, जिस पर हर कोई कुर्बान हो जाएगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा T-20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम (Team india) के लिए घोषित कुल 125 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि में से 5 करोड़ रुपये की आधी राशि छोड़ने का उनका निर्णय उनके असाधारण व्यक्तित्व का एक और उदाहरण था।

फाइनल में रोहित शर्मा की टीम ने दक्षिण अफ्रीका (south Africa) को हराकर T20 विश्व कप 2024 जीत लिया। BCCI ने घोषणा की कि इस ऐतिहासिक जीत के बाद टीम, कोचिंग स्टाफ और सहयोगी स्टाफ को कुल 125 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा। मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के लिए भी टीम के खिलाड़ियों के बराबर 5 करोड़ रुपये देने की बात हुई, जबकि टीम के अन्य कोचों को 2.5 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाना था।

अपने कोचिंग स्टाफ के लिए इतने करोड़ किए कुर्बान

रिपोर्ट्स की मानें तो द्रविड़ ने बोर्ड से अनुरोध किया है कि उनकी इनामी राशि को घटाकर 2.5 करोड़ रुपये कर दिया जाए। इसके पीछे एक बहुत ही खास मकसद है। वह बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण कोचों की तुलना में अधिक पैसा नहीं लेना चाहते थे। BCCI के एक सूत्र के मुताबिक, राहुल ने भी उसी बोनस भुगतान (2.5 करोड़ रुपये) का अनुरोध किया था, जैसा कि उनके सहयोगी स्टाफ के अन्य सदस्यों (बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर, फील्डिंग कोच टी दिलीप और गेंदबाजी कोच पारस महाम्ब्रे) ने किया था। हम उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं।

2018 में भी लिया था कुछ ऐसा ही फैसला

बता दें द्रविड़ ने 2018 में भारत की under-19 विश्व कप विजेता टीम का नेतृत्व करते समय भी इसी तरह का रुख अपनाया था। उस समय द्रविड़ को 50 लाख रुपये मिलने थे, जबकि अन्य सहयोगी कर्मचारियों को 20-20 लाख रुपये मिलने थे। फॉर्मूले के अनुसार, खिलाड़ियों को 30-30 लाख रुपये मिलने थे। जब द्रविड़ ने इस बंटवारे पर आपत्ति जताई तो BCCI को प्रत्येक खिलाड़ी को समान धनराशि देने के लिए मजबूर होना पड़ा।

इसके बाद बोर्ड ने नकद पुरस्कारों की संशोधित सूची जारी की, जिसमें सहयोगी स्टाफ के प्रत्येक सदस्य को 25 लाख रुपये मिले, जिसमें द्रविड़ भी शामिल थे। द्रविड़ के इस निस्वार्थ भावना की हर किसी ने तारीफ की थी।

Prachi Chaudhary

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