BJP News: चुनावी खेल में असली लड़ाई सत्ता की ही होती है। सत्ता की इस लड़ाई में कोई लोकलाज नहीं होती और न ही कोई नैतिकता दिखती है। चुनावी अखाड़े में सबकी नजर इसी बात पर टिकी होती है कि जनता को कैसे अपने पाले में लाया जाए ताकि सत्ता तक पहुंच हो सके। यही काम कांग्रेस (Congress) भी कर रही है और बीजेपी (BJP) भी। कांग्रेस की चुनौती यह है कि जहां भी उसकी सरकार है उसे कैसे बचाया जाए और बीजेपी की चुनौती यह है कि जहां कांग्रेस की सरकार है वहां अपनी सरकार बनाई जाए। सत्ता की इस लड़ाई में दोनों पक्षों के खेल जारी है।
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इधर बीजेपी काे परेशानी कुछ ज्यादा ही हुई है। पहले बीजेपी को लग रहा था कि मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में उसकी सरकार जा सकती है लेकिन पिछले दिनों दिल्ली में जो बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की जो बैठक हुई उसमें एक नई कहानी सामने आयी। इस बैठक में मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) भी शामिल हुए थे। उन्होंने भी अपनी बात बैठक में रखी। बातचीत से पता चला कि उन्होंने जो लाडली बहना योजना (ladli behna yojana) की शुरुआत की है उसका असर अब दिखने लगा है। योजना से पहले प्रदेश के लोगों में सरकार के खिलाफ काफी नाराजगी देखने को मिल रही थी लेकिन जैसे ही इस योजना का असर दिखने लगा है तब से बीजेपी (BJP News) की स्थिति मजबूत होती जा रही है। बीजेपी के अन्य नेताओं ने भी शिवराज सिंह की इस योजना की प्रशंसा की और पार्टी को उम्मीद है कि मध्य प्रदेश में कांटे की लड़ाई है और मेहनत की जाए तो मध्य प्रदेश में फिर से बीजेपी की वापसी हो सकती है। पार्टी के लिए यह शुभ संकेत जैसा था। पहले बीजेपी मानकर चल रही थी कि मध्य प्रदेश में जिस तरह से कांग्रेस की घेराबंदी है और सरकार के खिलाफ इंकम्बेंसी का माहौल है उससे उसकी सत्ता जा सकती है लेकिन अब पार्टी के भीतर मध्य प्रदेश को लेकर सोच बदल रही है।
इस बैठक में कई तरह की बातें कही गई। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस बैठक में खुद प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) भी शरीक हुए थे। उन्होंने ने भी सभी चुनावी राज्यों के अध्यक्षों से फीडबैक लिया। बीजेपी पहले यह मानकर चल रही थी कि राजस्थान (Rajasthan Election) में उसकी सरकार बन सकती है। बीजेपी यह भी मानकर चल रही थी कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Election) में भी बीजेपी को बड़ा लाभ हो सकता है लेकिन इस बैठक में जो बाते सामने आयी है उससे बीजेपी की चिंता और भी बढ़ गई है। राजस्थान में भी शिवराज सिंह चौहान की तरह ही गहलोत की सरकार कई तरह की योजनाएं चला रहे हैं और उन योजनाओं का लाभ भी लोगों को मिल रहा है। फिर अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) भी चाहते हैं कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार फिर से लौटे और इसी दिशा में गहलोत भी काम कर रहे हैं। उनकी योजनाओं की भी काफी सराहना की जा रही है। ऐसे में बीजेपी को अब लगने लगा है कि राजस्थान में उसे भारी चुनौती मिल सकती है।
राजस्थान का यह चुनावी इतिहास रहा है कि वहां हर पांच साल पर सत्ता परिवर्तन होता रहा है। एक बार कांग्रेस तो एक बार बीजेपी। लेकिन इस बार जिस तरह से गहलोत की राजनीति आगे बढ़ रही है और पार्टी एकजुट होकर आगे काम कर रही है उससे बीजेपी की चिंता और भी बढ़ गई है। यही हाल छत्तीसगढ़ का भी है। पहले बीजेपी को लग रहा था कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी को लाभ हो सकता है लेकिन बघेल सरकार की नीतियों का लाभ वहां की जनता को मिल रहा है और और पार्टी भी वहां एकजुट है। ऐसे में बीजेपी की चिंता अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ को लेकर ज्यादा है। अगर इस बार के चुनाव में सत्ता में कोई भी बदलाव नहीं हुए तो भी बीजेपी (bjp) की परेशानी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में बढ़ सकती है। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इन राज्यों से अधिकतर सीटें मिल गई थी लेकिन क्या ये अब संभव है यह सोचने की बात है?