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Today Headlines News Update patanjali Products: क्या पतंजलि के पलटवार को झेल पाएंगे IMA अध्यक्ष?, मानहानि का मुकदमा करने की मिली मंजूरी

Will IMA president be able to withstand Patanjali's counter-attack?, got permission to file a defamation suit

Today Headlines News Update patanjali Products: सुप्रीम कोर्ट (supremr court) ने आईएमए वकील को सूचित किया कि उनका काम घटिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि आईएमए के अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन का बयान फ़ाइल में सुरक्षित रखा जाए। वहीं, पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurveda ) की यह मांग मान ली कि आईएमए अध्यक्ष के खिलाफ मानहानि की याचिका दाखिल करना चाहती है।

वो कहते हैं ना दूसरे की गलती नजर पर, अपनी कमी पीठ पर। इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) के साथ कुछ ऐसा ही दिख रहा है। उसने पतंजली आयुर्वेद (Patanjali Ayurveda) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में आदेश की अवहेलना की याचिका डाली जिस पर फैसला आ गया। सुप्रीम कोर्ट (supreme court) की पीठ में शामिल 2 जजों यानि की जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने मामले की सुनवाई के दौरान आईएमए को भी कुछ नसीहतें दीं है।

पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurveda ) को सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगी तो आईएमए को अच्छा लगा, लेकिन उसी सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने उसकी कमियों की तरफ इशारा किया तो आईएमए तिलमिला उठा। IMA के अध्यक्ष डॉ. RV अशोकन ने तो एक इंटरव्यू में यहां तक कह दिया कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने तो बेवजह ही नसीहत दे डाली क्योंकि उसके सामने यह मामला ही नहीं था।

जब पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurveda) का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने IMA अध्यक्ष का बयान सामने रखा तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है और इसका परिणाम IMA को भुगतना होगा। सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurveda) से आईएमए अध्यक्ष के बयान को रिकॉर्ड पर रखने का आदेश देते हुए अदालत की अवमानना की याचिका दाखिल करने की भी मंजूरी दे दी।

समाचार एजेंसी PTI के साथ एक इंटरव्यु के दौरान, IMA अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन ने कहा कि आईएम और चिकित्सा पेशेवरों की प्रथाओं की आलोचना सुनना खेदजनक है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सामने असल मुद्दा पतंजलि के विज्ञापनों से जुड़ा था, न कि पूरे चिकित्सा क्षेत्र से। उन्होंने यहां तक कहा कि सुप्रीम कोर्ट (supreme court) को यह शोभा नहीं देता। डॉ. अशोकन ने कहा, ‘आप कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन अधिकतर डॉक्टर कर्तव्यनिष्ठ हैं… नैतिकता और सिद्धांतों के अनुसार काम करते हैं। देश के चिकित्सा समुदाय ने कोविड से लड़ाई के दौरान भारी बलिदान दिया है, इसलिए अदालत इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाने के लिए सही जगह नहीं है।

आईएमए अध्यक्ष के इस बयान को सुप्रीम कोर्ट ने काफी गंभीरता से लिया है। जस्टिस अमानुल्लाह ने तो आईएमए से कहा कि वह गंभीर नतीजों के लिए तैयार रहे। सुप्रीम कोर्ट बेंच ने आईएमए के वकील से कहा, ‘आपने कोई अच्छा काम नहीं किया और आप कैसे तय कर सकते हैं कि अदालत क्या करेगी, अगर यह सही है।’ उधर, पतंजलि आयुर्वेद के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि IMA अध्यक्ष का बयान अदालत (court) की कार्यवाही में सीधा हस्तक्षेप है। रोहतगी ने जब आईएमए अध्यक्ष के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की मांग की तो सुप्रीम कोर्ट बेंच ने इसकी इजाजत दे दी। पीठ के रुख के आधार पर ऐसा लगता है कि आईएमए अध्यक्ष को पतंजलि आयुर्वेद के आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव से अधिक आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

Written By । Prachi Chaudhary । Nationa Desk । Delhi

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