India-Pak Relation: क्या फिर होगी भारत-पाक की दोस्ती?
Will India-Pakistan friendship happen again?
India-Pak Relation: पाकिस्तान में हाल ही में संपन्न शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन ने भारत और पाकिस्तान के संबंधों में संभावित बदलाव की ओर इशारा किया है। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में आयोजित इस सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर शामिल हुए, जहां दोनों देशों के बीच कुछ सकारात्मक संकेत देखने को मिले। यह पहली बार था जब दोनों पक्ष मंच से एक-दूसरे पर सीधा हमला करने से बचे। यह इस बात का संकेत है कि शायद अब दोनों देशों के बीच कुछ सकारात्मक कदम उठाए जाने की संभावनाएं हैं।
भारत-पाकिस्तान पर नवाज शरीफ की टिप्पणियों पर विस्तार से चर्चा करने से पहले यह जानना उचित होगा कि शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के लिए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा का क्या प्रभाव पड़ा?
क्या भारत-पाकिस्तान के रिश्ते सुधरेंगे?
इस दौरान खास बात यह रही कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एससीओ शिखर सम्मेलन में भाषण तो दिया, लेकिन दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर सीधे हमला करने से परहेज किया, जो इस बात का संकेत है कि भविष्य में और अधिक सकारात्मक कदम उठाने की दिशा में नया माहौल बनाने की दोनों पक्षों में शायद कुछ इच्छा है।
जयशंकर-शाहबाज ने एक-दूसरे को गर्मजोशी से बधाई दी
एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के बीच हुई मुलाकात खास तौर पर महत्वपूर्ण रही। इस्लामाबाद में शिखर सम्मेलन के दौरान सभी प्रतिनिधियों का स्वागत करने के दौरान शाहबाज शरीफ ने डॉ. जयशंकर से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और कुछ शब्दों का आदान-प्रदान किया। सरकारी सूत्रों ने इसे ‘गर्मजोशी भरा अभिवादन’ बताया। अगले दिन मुख्य शिखर सम्मेलन से पहले दोनों ने फिर से हाथ मिलाया और मुस्कुराते हुए एक-दूसरे से कुछ कदम दूर चलते हुए बातचीत की।
एससीओ शिखर सम्मेलन के बाद अनौपचारिक बातचीत
शिखर सम्मेलन के बाद एक और महत्वपूर्ण क्षण तब देखने को मिला जब डॉ. जयशंकर और पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार एक ही टेबल पर लंच करते नजर आए। यह न तो औपचारिक वार्ता थी और न ही कोई संरचित बातचीत, लेकिन इस बैठक को दोनों पक्षों ने सकारात्मक रूप से लिया। एबीपी न्यूज ने सबसे पहले यह खबर दी कि दोनों नेताओं के बीच वेटिंग रूम में भी कुछ शब्दों का आदान-प्रदान हुआ। इसके बाद डॉ. जयशंकर ने ट्विटर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और इशाक डार का शुक्रिया अदा किया, जिस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भी आभार जताया।
नवाज शरीफ और मरियम नवाज का भारत-पाकिस्तान संबंधों पर सकारात्मक नजरिया
एससीओ शिखर सम्मेलन के बाद, भारतीय पत्रकारों को पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री और पीएमएल (एन) के प्रमुख नवाज शरीफ और उनकी बेटी, पंजाब के मुख्यमंत्री मरियम नवाज से मिलने का मौका मिला। इस मुलाकात में नवाज शरीफ ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में नई शुरुआत की बात की। उन्होंने कहा, “यह एक नई शुरुआत है, हमें अतीत को भूलकर भविष्य की ओर देखना चाहिए। हमने 75 साल बर्बाद कर दिए हैं, हमें अब और समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।” नवाज शरीफ के ये बयान पाकिस्तान के संबंधों को बेहतर बनाने के इरादे को दर्शाते हैं।
मीडिया ने जब नवाज शरीफ से पूछा कि क्या कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने की बात अब पीछे छूट जाएगी, तो नवाज शरीफ ने कहा कि इस समय ऐसे मुद्दों पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। इसके बजाय हमें सकारात्मक कदम उठाने पर ध्यान देना चाहिए।
सांस्कृतिक संबंधों, व्यापार और क्रिकेट पर दिया जोर
नवाज़ शरीफ़ ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार और क्रिकेट संबंध फिर से शुरू होने चाहिए। उन्होंने कहा, “हम दुबई के ज़रिए व्यापार करने में दो दिन बर्बाद करते हैं, जबकि यह सीधे दो घंटे में किया जा सकता है।” उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को भारतीय राज्यों के बीच संबंधों जैसा बताया। जब उनसे पूछा गया कि क्या नवंबर में COP29 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री शरीफ़ को मिलना चाहिए, तो उन्होंने इसका समर्थन किया।
शरीफ ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच फिर से शुरू करने की वकालत भी की। उन्होंने कहा, “हम अपनी टीमों को एक-दूसरे के देशों में न भेजकर क्या हासिल करेंगे?” यह पूछे जाने पर कि क्या भारत को पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भेजना चाहिए, उन्होंने कहा, ‘आपने कहा कि मेरे दिल में क्या था।” नवाज शरीफ ने कहा कि अगर पाकिस्तानी टीम भारत में कोई फाइनल मैच खेलती है, तो वह खुद भारत आकर मैच देखेंगे।
मरियम नवाज की भारतीय पंजाब में दिलचस्पी
इस मुलाकात के दौरान मरियम नवाज़ ने भारतीय पत्रकारों के प्रति भी गर्मजोशी दिखाई और कहा कि वह भारत, खासकर भारतीय पंजाब की यात्रा करना चाहेंगी, क्योंकि दोनों पंजाबों का इतिहास और संस्कृति साझा है। उन्होंने खेल और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में भारत और पाकिस्तान के बीच सहयोग की संभावनाओं पर भी ज़ोर दिया।
एससीओ शिखर सम्मेलन के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में सकारात्मक संकेत देखने को मिले हैं। नवाज शरीफ और मरियम नवाज के बयानों से साफ है कि पाकिस्तान भारत के साथ नए रिश्ते की ओर बढ़ने को तैयार है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में दोनों देश इस नई उम्मीद को किस तरह आकार देते हैं।